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________________ ४२२ भोजन । पभि अ [ तत्प्रभृति ] तबसे लेकर । तप्पर व [ तत्पर] आसक्त | संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष तप्पुरिस पुं [ तत्पुरुष ] व्याकरण- प्रसिद्ध समास - विशेष | तब्भत्तिय वि [ तद्भक्तिक ] उसका सेवक । तब्भव पुं [ तद्भव ] वही जन्म, इस जन्म के समान पर जन्म । 'मरण न वह मरण जिससे इस जन्म के समान ही परलोक में भी जन्म हो, यहाँ मनुष्य होने से आगामी जन्म में भी जिससे मनुष्य हो ऐसा मरण । तब्भारिय पुं [तद्भार्य ] दास, नौकर, कर्म चारी । भारिपुं [तद्भारिक ] ऊपर देखो । तब्भूमवि [ तद्भौम] उसी भूमि में उत्पन्न । तभत्ति अ [ दें] शीघ्र । तम अक [तम्] खेद करना । सक. इच्छा करना । पुं [दे] अफसोस । 'तम तम पुंन [तमस् ] अन्धकार | अज्ञान । पुं. सातवीं नरक-पृथिवी का जीव । तमप्पभा स्त्री [तमप्रभा] सातवीं नरक पृथिवी । 'तमा स्त्री . सातवीं नरक - पृथिवी । तिमिर न अन्धकार | अज्ञान । अन्धकार - समूह । पभा स्त्री [प्रभा] छठवीं नरक- पृथिवी । तमंग पुं [तमङ्ग] मतवारण, घर का वरण्डा, छज्जा । तमंधयार पुं [तमोन्धकार ] प्रबल अन्धकार | तमण न [ दे] चूल्हा | तमणि पुंस्त्री [ दें] हाथ । भूर्ज, भोजपत्र 1 तमय पुं [तमक] चौथी या पाँचवीं नरक भूमि का एक नरक स्थान । तमस न [तमस् ] अन्धकार | तमस वि [ तामस ] अन्धकारवाला | तमस देखो तम = Jain Education International रात । तमा स्त्री. छठवीं नरक - पृथिवी । अधोदिशा । तमासक [ भ्रमय् ] घुमाना, फिराना । तमाल पुं. वृक्ष - विशेष । न तमाल वृक्ष का फूल । मिस पुं [तमिस्र ] पाँचवें नरक का एक नरक-स्थान | न. अन्धकार | 'गुहा स्त्री. गुफा - विशेष | तप्पभि-तयाणि तमिसंधयार पुं [ तमिस्रान्धकार ] घोर अंधेरा । तमिस्स देखो तमिस । तमी स्त्रो. रात । तमुकाय देखो तमुक्काय । तमुक्काय पुं [तमस्काय] अन्धकार- प्रचय | तमुय वि [ तमस् ] जन्मान्ध । अत्यन्त अज्ञानी । तमोकसिवि [ तमः काषिक ] प्रच्छन्न क्रिया करनेवाला | तम् अक [तम्] खेद करना । तम्म देखो तम = तम् । तम्मण व [ तन्मस् ] तल्लीन । तम्मय वि [ तन्मय ] तल्लीन, तत्पर । उसका विकार | तम्मिन [ दे] वस्त्र । तय वि [ तत] विस्तार युक्त | न. वाद्य विशेष । तय न [य] तीन का समूह । तय देखो तया = तदा । भिइ अ [प्रभृति] तब से | तया अ [तदा] उस समय । तया स्त्री [त्वच् ] छाल, चमड़ी | दालचीनी | 'मंत वि [ मत्] त्वचा वाला । विस पुं [विष] सर्प की एक जाति । तयानंतर न [ तदनन्तर] उसके बाद । तयाणि अ [तदानीम् ] उस समय । तमस् । तमस्सई स्त्री [तमस्वती ] घोर अन्धकारवाली | तयाणि तय देखो तथा = त्वच् । 'क्खाय वि [' खाद ] त्वचा को खानेवाला । } For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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