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________________ ४२० संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष तडमड-तणुवीआ फड़ाया हुआ, व्याकुल। तणवरंडी स्त्री [दे] उडुप, डोंगी, छोटी तडमड वि [दे] क्षुभित । नौका। तडयड वि [दे] क्रिया-शील, सदाचार-युक्त । तणसोल्लि । स्त्री [दे] मल्लिका, पुण्यतडयांत देखो तडतडा का वकृ. । तणसोल्लिया प्रधान वृक्ष-विशेष । वि. तृणतडवडा स्त्री [दे] आउली का पेड़ । शून्य । तडाअ । न तडाग] सरोवर । तणहार पुं [तृणहार] त्रीन्द्रिय जन्तु तडाग तणहारय ) की एक जाति । वि. घास तडि स्त्री[तडित्] बिजली । °डंड पुं [°दण्ड] | काटकर बेचनेवाला, घसियारा। विद्युदंड । केस पुं [ केश] राक्षस-वंशीय तणु वि तनु] पतला। कृश, दुर्बल । अल्प । एक राजा, एक लंकापति । °वेअ ' [°वेग] लघु, छोटा । सुक्ष्म । स्त्री. शरीर । 'तणुई, विद्याधर वंश का एक राजा । तणू स्त्री [ तन्वी] ईषत्प्राग्भारा-नामक तडिअ वि [तत] विस्तृत, फैला हुआ। पृथ्वी । °पज्जत्ति स्त्री [°पर्याप्ति] उत्पन्न तडिआ स्त्री [तडित्] बिजली । होते समय जीव द्वारा ग्रहण किये हुए पुद्गलों तडिण वि [दे] विरल, अत्यल्प । को शरीर रूप से परिणत करने की शक्ति । तडिणी स्त्री [तटिनी] नदी । ब्भव वि [ उद्भव] शरीर से उत्पन्न । तडिम न. भित्ति । कुट्टिम, पाषाण आदि से पुं. लड़का। ब्भवा स्त्री [उद्भवा] बँधा हुआ भूमितल । द्वार के ऊपर का भाग । लड़की । “भू पुंस्त्री. लड़का । लड़की। °य तडी स्त्री तटी] तट। वि [°ज] देखो भव । “रुह पुन. केश । तड्ड । सक [तन्] विस्तार करना । पुं. पुत्र । वाय पुं[वात] सूक्ष्म वायु-विशेष । तड्डव । तणुअ वि [तनुक] ऊपर देखो । तड्डविअ । वि [तत] विस्तीर्ण, फैला हुआ। | तणुअ सक [ तनय ] पतला करना । दुर्बल करना। तड्डु स्त्री [तर्दु] काठ की करछी । तणुआ । अक [ तनुकाय ] दुर्बल होना, तण सक [तन्] विस्तार करना । करना। तणुआअ कृश होना। तण न [दे] कमल । तण न [तृण] घास । इल्ल वि [°वत्] तृण तणुआअरअ वि [तनुत्वकारक] कृशता वाला । जीवि वि [°जीविन्] घास खाकर उपजानेवाला, दौर्बल्य-जनक । जीनेवाला । °राय पुं [राज] ताड़ का तणुइअ वि [तनूकृत] दुर्बल किया हुआ। कृश पेड़ । विटय, वेंटय पुं [वृन्तक] एक किया हुआ। क्षुद्र जन्तु-जाति, त्रीन्द्रिय जन्तु-विशेष । तणुई स्त्री [तन्वी] पृथ्वी-विशेष, सिद्धशिला । तणग वि [तृणक] तृण का बना हुआ। कृशांगी, कोमलांगी। तणय पुं [तनय] लड़का । तणुग देखो तणुअ। तणय वि [दे] सम्बन्धी। तणुज देखो तणु-य। तणयमद्दिआ स्त्री [दे] अंगूठी। तणुजम्म पुं [तनुजन्मन्] पुत्र । तणया स्त्री [तनया] पुत्री। तणुभव देखो तणु-ब्भव। तणरासि । वि [दे]प्रसारित, फैलाया हुआ। तणुवी । देखो तणुई। तणरासिअ) | तणुवीआ) तड्डिअ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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