SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 43
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २४ अजिअ वि [ अजय ] जो जीता न जा सके । अजिया स्त्री [अजिता ] भगवान् अजितनाथ की शासन देवी । चतुर्थ तीर्थंकर की एक मुख्य शिष्या । अजिण न [ अजिन] हरिण आदि पशुओं का चमड़ा | वि. जिसने राग-द्वेष का सर्वथा नाश नहीं किया है वह । जिन भगवान् तुल्य सत्योपदेशक जैन साधु | अजिधर पुं [अजितधर] ग्यारह रुद्रों में आठवाँ रुद्र पुरुष । अजिर न आँगन । अजीर देखो अइन्न = अजीर्ण | संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष अजीव पु अचेतन, निर्जीव जड़ पदार्थ | 'काय पु धर्मास्तिकाय आदि अजीव पदार्थ । अजुअ ' [ दे] वृक्ष - विशेष, सप्तच्छद, सतौना । अजुअ न [ अयुत ] दश हजार । अजुअलवण्ण [ अयुगलपणं ] सतौना । अजुअलवण्णा स्त्री [ दे ] इमली का पेड़ । अजुत वि [ अयुक्त ] अयोग्य । 'कारिवि [ कारिन् ] अयोग्य कार्य करनेवाला । अजुत्तीय वि [ अयुक्तिक ] अन्याय्य । अ देखो अउ | अजेअ वि [ अजय ] जो जीता न जा सके । अजोग ! [ अयोग ] मन, वचन और काया के सब व्यापारों का जिसमें अभाव होता है वह सर्वोत्कृष्ट योग, शैलेशी-करण | अजोग वि [ अयोग्य ] अयोग्य । अजोगि पुं [ अयोगिन् ] सर्वोत्कृष्ट योग को प्राप्त योगी । मुक्त आत्मा । अज्ज सक [ अ ] पैदा करना, उपार्जन करना, कमाना । अज्ज वि [ अर्य ] वैश्य । स्वामी । अज्जवि [ आर्य ] निर्दोष । आर्य-गोत्र में उत्पन्न । शिष्ट- जनोचित | 'खउड पुं [ खपुट ] एक जैन आचार्य । उत्तम | मुनि । सत्यकार्य करनेवाला । पूज्य | Jain Education International अजिअ - अज्जव मातामह । पितामह । एक ऋषि का नाम । न. गोत्र - विशेष | जैन साधु, साध्वी और उनकी शाखाओं के पूर्व में यह शब्द प्रायः लगता है, जैसे अज्जवइर, अज्जचंदणा, अज्जपोमिला । 'उत्त पु [ पुत्र ] पति । मालिक का पुत्र । 'घोस [घोष ] भगवान् पार्श्वनाथ का एक गणधर । मंग [ मङ्ग] एक प्राचीन जैनाचार्य | मिस्स वि[ मिश्र ] पूज्य, मान्य । समुद्द [ "समुद्र ] एक प्रसिद्ध जैनाचार्य । अज्ज अ [ अद्य ] आज । 'त्त वि ['तन ] आजकल का । 'त्ता स्त्री [ता] आज कल । भइ अ [प्रभृति ] आज से ले कर । अज्ज पुं [दे] जिनेन्द्र देव । बुद्ध देव | अज्ज न [ आज्य ] घी । अज्ज देखो रि = ॠ । अज्जं अ [ अद्य ] आज । अनंत वि [ आयत् ] आगामी । काल पु भविष्य काल | अज्जहिज्जो अ [ अद्यह्यः ] आजकल | अज्जकालिअ वि [ अद्यकालिक ] आजकल का । अज्जग देखो अज्जय = अर्जक । अज्जण अज्जणण अज्जम पुं [ अर्यमन् ] सूर्य । देव - विशेष । उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का अधिष्ठायक देव | न. उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र । ) [ अजंन] उपार्जन । पैदा करना । } अज्जय पुं [ आर्यक ] मातामह । पितामह । अज्जय वि [ अर्जक ] उपार्जन करनेवाला | वृक्षविशेष । अज्जय ' [ दे ] सुरस नामक तृण । गुरेटक नामक तृण । तृण । अज्जल पुं [ आर्यल ] म्लेच्छों की एक जाति । अन्जव न [ आर्जव ] सरलता, निष्कपटता । अज्जव (अप) देखो अज्ज = आर्य । 'खंड पु | [ खण्ड ] आर्य देश | For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy