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________________ निसुंभण- णिस्साण प्रतिवासुदेव । दैत्य-विशेष । णिसुंभण न [ निशुम्भन ] मर्दन, विनाश । वि. मार डालनेवाला । णिसुंभा स्त्री [निशुम्भा ] एक इन्द्राणी । णिसुट्ट वि [] ऊपर देखो । णिसुट्ठिअ णिसुड देखो णिसुढ = नम् । णिसुड्ढ देखो णिट्ट | णिसुढ अक [नम् ] भार से आक्रान्त होकर नीचे नमना, झुकना । णिसुढ सक [नि + शुम्भ् ] मारना, मार कर गिराना । संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष णिसुदिर वि [ नम्र ] भार से नमा हुआ । णिसुण सक [नि + श्रु] सुनना, श्रवण करना । णिसुद्ध वि [दे] पातित, गिराया हुआ । सूिग देखो णिस्सू । णिसूड देखो णिसुढ = नि + शुम्भ् । णिसूढ देखो णिसह = नि + सह. । णिसेग देखो णिसेय । णिसेज्जा स्त्री [निषद्या] वस्त्र । णिसेज्जा देखो णिसज्जा । णिसेज्झ वि [निषेध्य ] निषेध-योग्य | णिसेणि देखो णिस्सेणि । णिसेय पुं. [ निषेक] कर्म - पुद्गलों की रचना - विशेष | सींचना | Jain Education International ४०९ निर्धन - कारक । कर्म को दूर करनेवाला । णिस्संक पुं [दे] निर्भर । णिस्संक वि [निःशङ्क] शङ्का-रहित । न. शङ्का का अभाव । णिस्संकिअ वि [निःशङ्कित ] शङ्का - रहित । न. शङ्का का अभाव | णिस्संग वि [निःसङ्ग ] सङ्ग-रहित । णिस्संचार वि [निःसंचार] संचार - रहित, गमनागमन - वर्जित । घटाना । णि सण पुं [ निःस्वन] शब्द, आवाज । णिस्सण्ण वि [निःसंज्ञ] संज्ञा-रहित । णिस्सत्त वि [निःसत्त्व] धैर्य - रहित, सत्त्वहीन | णिस्सम्म अक [निर् + श्रम् ] बैठना । णिस्सय पुं [ निश्चय ] देखो णिस्सा । णिस्सर अक [निर + सृ] बाहर निकलना । णिस्सरण वि [निःशरण] शरण-रहित । णिसेवक [नि + सेव् ] सेवा करना, भजना, आदर करना । आश्रय करना । आचरना । णिसेवग देखो णिसेवय । णिसेवय वि [निषेवक] सेवा करनेवाला, णिस्सरिअ वि [दे] त्रस्त, खिसका हुआ । सेवक । आश्रय करनेवाला । णिसेह सक [नि + षिध्] निषेध करना, निवा णिस्सल्ल वि [निःशल्य ] शल्य - रहित । णिस्सस अक [ निर् + श्वस्] निःश्वासे लेना । णिस्सह वि [निःसह ] मन्द, अशक्त । णिस्सा स्त्री [ निश्रा ] आलम्बन, सहारा । अधीनता | पक्षपात । रण करना । णिसेह पुं[ निषेध ] प्रतिषेध, निवारण | अपवाद । णिसेहिया देखो णिसीहिआ = नैषेधिकी । निस्संजम वि [निस्संयम ] संयम-रहित । निस्संत वि [निःशान्त ] अतिशय शान्त | णिस्संद देखो णीसंद | निस्संदेह वि [निस्संदेह ] निश्चय, निःसंशय । सिंध व [निस्सन्धि ] सन्धि-रहित, से रहित । साँधा णिस्संस वि [ नृशंस ] क्रूर | णिस्संस वि [निःशंस ] श्लाघा -रहित । णिस्संसय वि [निःसंशय ] संशय-रहित । सिक्क स [नि + ष्वष्क्] कम करना, मुक्ति । श्मशान भूमि | बैठने का स्थान | नितम्ब, द्वार के समीप का भाग । णिस्स वि [निःस्व] निर्धन । 'यर वि [° कर] णिस्साण पुंन [ दे] वाद्य-विशेष, निशान | णिस्साण न [ निश्राण] निश्रा, अवलम्बन । 'पयन [पद] अपवाद । ५२ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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