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________________ ३९१ णिज्झ-णिड्डुह संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष णिज्झ अक [ स्निह ] स्नेह करना। णिट्ठा स्त्री [निष्ठा] अन्त, अवसान, समाप्ति । णिज्झर अक [क्षि] क्षीण होना । | सद्भाव । भासि वि [°भाषिन्] निष्ठा-पूर्वक णिज्झर वि [दे जीर्ण, पुराना। बोलनेवाला, निश्चय-पूर्वक भाषण करनेणिज्झर पुं[निर्झर] झरना । वाला। णिज्झरणी स्त्री [निर्झरणी] नदी । णिट्ठाण न [निष्ठान] सर्व-गुण-युक्त भोजन । णिज्झा सक [नि + ध्यै] देखना, निरीक्षण दही वगैरह व्यञ्जन । समाप्ति । °कहा स्त्री करना। [कथा] भक्त-कथा-विशेष, दही वगैरह णिज्झा सक [निर् + ध्यै] विशेष चिन्तन व्यञ्जन की बात-चीत । करना। णिट्ठिय वि [निष्ठित] समाप्त किया हुआ, पूर्ण णिज्झाइत्तु वि [निध्यातृ ] देखनेवाला, किया हुआ । नष्ट किया हुआ, बिनाशित । निरीक्षक । स्थिर । निष्पन्न, सिद्ध । पुं. मोक्ष । °ट्ठ वि णिज्झाइत्तु वि [निर्ध्यात] अतिशय चिन्तन [°ार्थ] कृतकृत्य । 'ट्टि वि ["थिन्] मुमुक्षु । करनेवाला । णि ट्ठिय वि [नैष्ठिक] निष्ठावाला। णिज्झाइय वि [निध्यात] दृष्ट, विलोकित । णिट्रीव पु [निष्ठीव] थूक। न. दर्शन, निरीक्षण । | णिट्ठीवण स्त्रीन [निष्ठीवन] थूक, खखार । णिज्झाडिय वि [निर्धाटित] विनाशित । थूकना। णिज्झाय वि [दे] दया-रहित । णिठुअ न [निष्ठयूत] थूक । णिज्झाय वि [निध्यात] दृष्ट, विलोकित । णिठुभय वि [निष्ठीवक] थूकनेवाला । णिज्झूर वि [दे] जीर्ण, पुराना । | णिठ्ठयण देखो निट्ठीवण । णिज्झोड सक [छिद्] छेदना, काटना।। णिठुर । वि [निष्ठुर] निष्ठुर, परुष, कठिन । णिज्झोसइत्त वि [निर्दोषयितु] क्षय करने-णिठ्ठल । वाला, कर्मों का नाश करनेवाला। णिठ्ठवण न [निष्ठीवन] थूक खखार । वि. णिबँक थि [दे] टंक-च्छिन्न । विषम, असमान। थूकनेवाला। गिट्टंकिय वि [निष्टङ्कित] निश्चित, अव णिछह अक [ नि+ स्तम्भ ] निष्टम्भ धारित। ___ करना, निश्चेष्ट होना, स्तब्ध होना । णिटुअ अक [ क्षर् ] टपकना, चूना। | निठुह अक [ नि+ष्ठीव ] थूकना । णिटुह अक [वि + गल्] गल जाना। नष्ट । णिठ्ठह वि [दे] स्तब्ध, निश्चेष्ट । होना । णिठ्ठहावण वि [निष्ठम्भक] निश्चेष्ट करनेणि? देखो पिट्ठा - नि + स्था। । वाला, स्तब्ध करनेवाला। णिट्रय ) सक [ नि+ स्थापय् ] समाप्त णिहिअ न [दे] थूक, निष्ठीवन, खखार । णिव , करना, पूर्ण करना। अन्त णिड पुं [दे] पिशाच, राक्षस । करना, नाश करना । विशेष रूप से स्थापन णिडल ) न [ललाट] भाल । करना, स्थिर करना। णिडाल णि?वय वि [निष्ठापक] समाप्त करनेवाला । ड्डि न [नीड] पक्षि-गृह । णिट्टा अक [नि + स्था] खतम होना। समाप्त णिड्डहण न [निर्दहन] जला देना। होना। णिड्डुह देखो णिटुअ। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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