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________________ ३८९ णिच्चर-णिजुद्ध संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष णिञ्चर देखो णिब्बर। कहा स्त्री [कथा] अपवाद । णिञ्चल सक [क्षर] झरना, टपकना। णिच्छल्ल सक [छिद्] छेदना, काटना । णिच्चल सक [मुच्] दुःख को छोड़ना । णिच्छाय वि [निश्छोय] कान्ति-रहित, शोभाणिञ्चल वि [निश्चल] स्थिर, दृढ़। °पय न | हीन । [°पद] मुक्ति । णिच्छारय वि [निस्सारक] सार-रहित । णिचित वि. [ निश्चिन्त ] चिन्ता-रहित, णिच्छिडु वि [निश्छिद्र] छिद्र-रहित । बेफिक्र । | णिच्छिण्ण वि [निच्छिन्न] पृथक्-कृत, काटा णिच्चिट्ट वि [निश्चेष्ट] चेष्टा-रहित । हुआ। णिच्चिद (शौ) देखो णिच्छिय । णिच्छिद्द देखो णिच्छिडु। णिच्चुज्जीव वि [नित्योद्योत] सदा प्रकाश | णिच्छिय वि [निश्चित] निश्चित, निर्णीत, णिच्चुजोअ युक्त । पुं. ग्रह-विशेष, ज्योतिष्क | ___ असन्दिग्ध । देव-विशेष । न, एक विद्याधर-नगर । णिच्छीर वि [निःक्षीर] दुग्ध-वर्जित । णिच्चुज्जोअ पुं [नित्योद्योत] नन्दीश्वर णिच्छंड वि [दे] करुणा-रहित । द्वीप के मध्य की दक्षिण दिशा में स्थित एक णिच्छुट्ट वि [निश्छुटित] निर्मुक्त । अंजन गिरि। णिच्छुभ सक [नि + क्षिप्] बाहर निकालना । णिच्चुड्डु वि [दे] उद्वृत्त, बाहर निकला फेंकना । हुआ । निर्दय । णिच्छुभ पुं [निक्षेप] निष्कासन । णिच्चुब्विग्ग वि [नित्योद्विग्न] सदा खिन्न । | णिच्छुह सक [नि + क्षिप्] डालना । णिच्चे? देखो णिच्चिट्ठ। णिच्छुहणा स्त्री [निक्षेपणा] बाहर निकलने णिच्चेयण वि [निश्चेतन] चेतना-रहित । की आज्ञा, निर्भर्त्सना । णिच्चोउया स्त्री [नित्यर्तुका] हमेशा रजस्वला णिच्छढ वि [निक्षिप्त] उद्वृत्त । निर्गत । __ रहनेवाली स्त्री। फेंका हुआ। निष्कासित । णिच्चोय सक [दे] निचोड़ना। णिच्छूढ न [निष्ठयूत] थूक, खखार । णिच्चोरिक्क न [निश्चौर्य] चोरी का अभाव । णिच्छोड सक [निर् + छोटय] बाहर निकलने णिच्छइय वि [नैश्चयिक] निश्चय-सम्बन्धी । के लिए धमकाना । निर्भर्त्सन करना । छुड़पुं. निश्चय नय, द्रव्याथिक नय, परिणाम- वाना। वाद। णिच्छोडग न [निश्छोटन] निर्भर्त्सन, बाहर णिच्छउम वि [निश्छद्मन्] कपट-रहित, __ निकालने की धमकी। माया-वर्जित । णिच्छोडिअ वि [निश्छोटित] सफा किया णिच्छक्क वि [दे] निर्लज्ज, धष्ट । अवसर को हुआ। नहीं जाननेवाला । णिच्छोल सक [निर् + तक्ष् ] छीलना । णिच्छम्म देखो णिच्छउम। णितिय वि [नियन्त्रित] नियमित, अंकुणिच्छय सक [निर् + चि] निश्चय करना। । शित । णिच्छय पुं [निश्चय] निर्णय । नियम, अवि- । णिजिण्ण देखो णिज्जिण्ण । नाभाव । द्रव्यार्थिक नय, वास्तविक पदार्थ | णिझुंज देखो णिउंज = नि + युज् । को ही माननेवाला मत परिणाम-वाद । ' णिजुद्ध देखो णिउद्ध। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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