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________________ ३८२ णासि वि [ नाशिन् ] विनश्वर । णासिक णासिक्क न [ नासिक्य ] दक्षिण भारत का एक नगर, पञ्चवटी । सिगा स्त्री [नासिका ] नाक | णासीय वि[न्यासीकृत ] धरोहर या अमानत रूप से रखा हुआ । सेक्क देखो णासिक्क । णाह पुं [नाथ ] स्वामी, मालिक । हड पुं [नाहट ] एक राजा । णाहल पुं [लाहल] एक म्लेच्छ जाति । हि देखो णाभि । रुह पुं. ब्रह्मा । (अ) अ [हि ] नहीं । संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष हा [] वितान के बीच की रस्सी । ाहिय वि [ नास्तिक] परलोक आदि को नहीं माननेवाला । पुं. नास्तिक मत का प्रवत्र्तक । 'वाइ, 'वादिव [ 'वादिन् ] नास्तिक मत का अनुयायी । 'वाय [वाद] नास्तिक दर्शन | माहिविच्छेअ पुं [दे] जघन, कटि के णिअंतिय वि [नियन्त्रित ] संयमित, जकड़ा नाहीए - विच्छेअ । नीचे का भाग । } णि अ [[न] इन अर्थों का सूचक अव्यय - निश्चय । नियतपन, नियम | अतिशय । अधोभाग । नित्यपन । संशय । आदर । विराम | समावेश | समीपता । निन्दा | बन्धन । निषेध | दान । समूह । मोक्ष । सम्मुखता । अल्पता, लघुता । णि अ [ निर् ] इन अर्थों का सूचक अव्यय ---- निश्चय । आधिक्य, अतिशय । निषेध । निर्गनिष्क्रमण | मन, अि सक [ दृश् ] देखना । for fव [निज ] आत्मीय, स्वकीय | for वि [नीत ] ले जाया गया । for a [ नीच] जघन्य, निकृष्ट । अि देखो णिव | णाति - णिअच्छ नियमितता । अवश्यं भाविता । पव्वय पुं [° पर्वत ] पर्वत-विशेष | 'वाइ वि [ वादिन् ] भाग्यवादी या दैववादी । णिअंटिअ वि [नियन्त्रित] नियमित । न. प्रत्याख्यान - विशेष, हृष्ट से या रोगी से अमुक दिन में अमुक तप करने का किया हुआ नियम | बँधा हुआ । न अवश्य कर्तव्य नियम- विशेष । अिंठ व [निर्ग्रन्थ] धन रहित । पुं. जैनमुनि, संयत, यति । जिन भगवान्। पुं. भगवान् बुद्ध । णिअंठि देखो 'णिग्गंथी । पुत्त पुं [ पुत्र ] एक विद्याधर-पुत्र, जिसका दूसरा नाम सत्यकि था । एक जैनमुनि जो भगवान् महावीर का शिष्य था । णिअs स्त्री [निकृति ] माया, कपट | fras स्त्री [food] नियतपन, भवितव्यता, Jain Education International णिअंठिय वि [नैर्ग्रन्थिक] निर्ग्रन्थ-सम्बन्धी । जिनदेव-सम्बन्धी | णिअंठी देखो णिग्गंथी । णिअंत वि [नियत] स्थिर | णिअंत वि [निर्यत्] बाहर निकलता । हुआ, बँधा हुआ। णिअंधण न [ दे] वस्त्र । णिअंब पुं [ नितम्ब ] पर्वत का वसतिस्थान । स्त्री की कमर का पीछला भाग, कमर के नीचे का भाग, चूतड़ | मूलभाग । कटि प्रदेश । णिबिणी स्त्री [नितम्बिनी ] सुन्दर नितम्ब - वाली स्त्री । महिला । सिसक [नि + वस्] पहनना । णिअंसण न [ दे. निवसन] वस्त्र । सिणि स्त्री [ निवसनी] कपड़ा । अक्क सक [दृश्] देखना । अक्कल वि [] वर्तुल, गोलाकार पदार्थ । अिग वि [निजक] स्वकीय | अच्छक [दृश्] देखना | णिअच्छ सक [नि + यम् ] नियन्त्रण करना । अवश्य प्राप्त करना । जोड़ना । णिअच्छ अक [नि + गम् ] संगत होना, युक्त For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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