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________________ ३७४ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष पट्टअ-णद्धंबवय णट्टअ न [नाट्यक] देखो णट्ट = नाट्य । णणु अ [ननु] इन अर्थों का सूचक अव्ययणट्टअ ) वि [नर्तक] नाचनेवाला, नचवैया। निश्चय । आशंका । वितर्क । प्रश्न । णट्टग । स्त्री. °ई। णण्ण पुं दे] कुआँ । दुर्जन । बड़ा भाई । णट्टार पुं नाट्यकार] नाट्य करनेवाला। णत्त न [नक्त] रात्रि। णट्टावअ वि [नर्तक] नचानेवाला । णत्त देखो णत्तु । णट्टिया स्त्री [नत्तिका] नटी, नर्तकी । | णत्तंचर देखो णक्वंचर । णटुमत्त पुं [नर्तुमत्त] एक विद्याधर । णत्तण न [नर्तन] नाच, नृत्य । णट्ठ पुंनिष्ट] एक नरक स्थान । न. पलायन। णत्ति स्त्री [ज्ञप्ति] ज्ञान । वि. अपगत, नाश-प्राप्त । पुन, अहोरात्र का | णत्तिअ पुं [नप्तृक] पौत्र । दौहित्र । सतरहवाँ मुहूर्त । °सुइअ वि [°श्रुतिक] जो । णत्तिआ । स्त्री [नप्त्री] पौत्री। पुत्री की बधिर-बहरा हुआ हो । शास्त्र के वास्तविक णत्ती पुत्री। ज्ञान से रहित । णत्तु [नप्तृ] देखो णत्ति। णव वि [नष्टवत्] नाश-प्राप्त । न. अहोरात्र णत्तआ देखो णत्तिआ। का एक मुहूर्त। णत्तुइणी स्त्री [नप्तकिनी] पौत्र की स्त्री। णड अक [.गुप् ] व्याकुल होना । सक. खिन्न दौहित्र की स्त्री। करना। णत्तुई देखो णत्ती। णड देखो णट्ट = नट् । णतुणिअ पुं [नप्त पौत्र । प्रपौत्र । णड देखो णल = नड । णत्तुणिआ देखो णत्तिआ। णड पुं [नट] नर्तकों की एक जाति, नट। णत्थ वि [न्यस्त] स्थापित, निहित । °खाइया स्त्री [°खादिता] नट की तरह णत्थण न [दे] नाक में छिद्र करना । कृत्रिम साधुपन । णत्था स्त्री [दे] नाथा या नाथ । णडाल न [ललाट] कपाल । पत्थि अ [नास्ति] अभाव-सूचक अव्यय । णडालिआ स्त्री [ललाटिका] ललाट-शोभा, णत्थिअ वि [नास्तिक] परलोक आदि नहीं कपाल में चन्दन आदि का विलेपन । माननेवाला । पुं. नास्तिक मत का प्रवर्तक, णडाविअ वि [गोपित] व्याकुल किया हुआ। चार्वाक । °वाय पुं. [°वाद] नास्तिकखिन्न किया हुआ। दर्शन । णडिअ वि [दे] वञ्चित, विप्रतारित । खेदित । णत्थियवाइ वि [नास्तिकवादिन] आत्मा णडी स्त्री [नटी] नट की स्त्री । लिपि-विशेष । ___ आदि के अस्तित्व को नहीं माननेवाला । नाचनेवाली स्त्री। णद सक [नद्] नाद करना, आवाज करना । णडुली स्त्री [दे] कच्छप । णदी देखो गई। णडूल न [नड्डुल] नगर-विशेष । पं. देश णद्दिअ वि [दे] दुःखित । विशेष । णद्दिअ न [नदित] आवाज । णड्डरी स्त्री [दे] मेढक । णद्ध वि [नद्ध] आच्छादित । नियन्त्रित, बँधा गड्डल न [दे] मैथुन । मेघाच्छन्न दिवस । हुआ। वर्मित । णड्डुली देखो णडुली। णद्ध वि [दे] आरूढ़ । णणंदा स्त्री [ननान्दृ] ननद । | णद्धंबवय न दे] घृणा या घिन का अभाव । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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