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________________ ३४६ जलावण न [ज्वालन] जलाना, दग्ध करना । अवि [ज्वलित ] जला हुआ, प्रदीप्त | उज्ज्वल, कान्ति-युक्त | जलिर वि [ज्वलितृ] जलता, सुलगता । जलगा स्त्री [ जलौकस् ] जन्तु - विशेष, जोंक, जलिका, जल का कीड़ा । } जलूया पक्षि - विशेष | संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष जलूसग पुं [दे] रोग विशेष । जलोयर न[जलोदर ] जलन्धर रोग । जठराम । जोया देखो जलूया । जल्ल पुं [दे. जल्ल] शरीर का मैल । नट की एक जाति, रस्सी पर खेल करनेवाला नट । बन्दी, दिरुद पाठक । एक म्लेच्छ देश । उस देश में रहनेवाली म्लेच्छ जाति । जल्लार पुं. एक अनार्य देश । जल्लार देश का निवासी । जल्लिय न. [ दे. जल्लक] शरीर का मैल | जल्लोसहि स्त्री [दे. जल्लोषधि] एक तरह की आध्यात्मिक शक्ति, जिसके प्रभाव से शरीर के मैल से रोग का नाश होता है । जव सक [ यापय् ] गमन करवाना, भेजना । व्यवस्था करना । जव सक [ यापय् ] काल- यापन करना । जव सक [ जप् ] जाप करना, बार-बार मन ही मन देवता का नाम स्मरण करना, पुनः पुनः मन्त्रोच्चारण करना । जव पुं [व] अन्न- विशेष, जव या जौ । यूका की नाप । पुंन. एक देव - विमान । 'णाली स्त्री [नाली ] वह नाली जिसमें जौ बोये जाते हों । 'नालय पुं ['नालक] कन्या का कञ्चुक । नन [[न] यव- निष्पन्न परमान्न, जव की खीर, जाउर । मज्झ न [" मध्य ] तप - विशेष । आठ यूका की एक नाप | मज्झा स्त्री [° मध्या] व्रत- विशेष प्रतिमा विशेष | राय पुं[° राज] नृप - विशेष | ● सा स्त्री [° वंशा] वनस्पति- विशेष । Jain Education International जलावण-जस जव पुं. वेग, दौड़, शीघ्र गति । जवजव पुं [यवयव ] एक तरह का यव-धान्य । जवण न [दे] हल की शिखा । जवण वि [जवन] वेग से जानेवाला । पुं. शीघ्र गति । जवण पुं [ यवन] म्लेच्छ देश - विशेष । उस देश में रहनेवाली मनुष्य जाति । यवन देश का राजा । जवण न [ यापन ] निर्वाह । जवणा स्त्री [यापना] ऊपर देखो । जवणाणिया स्त्री [ यवनानिका ] लिपि विशेष । जवणालिया स्त्री [ यवनालिका ] कन्या का कञ्चुक | जवणि स्त्री [ यवनिका ] परदा । जवणी स्त्री [यवनी] परदा । संचारिका दूती । जवणी स्त्री [यावनी] यवन की स्त्री । यवन की लिपि । जवपचमाण पुं [दे] जात्यश्व का वायु- विशेष, प्राण वायु । जवय ' [ दे] जव का अङ्कुर । जवरय जवली स्त्री [दे] वेग | जववारय [ दे] देखो जवरय । जवस न [ यवस] घास | गेहूँ वगैरह जवा स्त्री [जपा] वल्ली-विशेष, धान्य । जवा - पुष्प का वृक्ष | गुड़हल का फूल, अड़हुल का पुष्प । जवास [यवास] वृक्ष - विशेष, रक्त पुष्पवाला वृक्ष-विशेष | वि [ जविन् ] वेग-युक्त । पुं. अश्व । जवि जविण जवि वि [जपित] जिसका हो वह ( मन्त्र आदि) । न आदि ग्रन्थांश | जविय वि [यापित ] गमित गुजरा हुआ । नाशित। " जस पुं [ यशस् ] कीर्ति, इज्जत । संयम, For Private & Personal Use Only जाप किया गया अध्ययन, प्रकरण www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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