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________________ २९६ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष गोउलिय-गोत्ति गोउलिय वि [गोकुलिक] गोकुल-रक्षक । । निवासी। गोंजी । स्त्री [दे] मंजरी , बौर । गोड पुं [दे] गोड़, पैर । गोंठी । गोडा स्त्री [गोला] गोदावरी । गोंड देखो कोंड - कौण्ड । गोडी स्त्री [गौडी] गुड़ की दारू । गोंड न [दे] जंगल । गोड्ड वि [गौड] गुड़ का बना हुआ । मधुर । गोंडी स्त्री [दे] मंजरी, बौर । गोड [दे] देखो गोड। गोंदल देखो गंदल। गोण पुं (दे] साक्षी । बलीवर्द । °इन्न वि गोंदीण न [दे] मोर का पित्त । [°वत्] गौओं का मालिक । वइ पंस्त्री गोंफ पुं [गल्फ] पाद-प्रन्थि, पैर की गाँठ। [°पति] गौ वाला। गोकण्ण पुंगोकर्ण] गौ का कान । दो खुर गोण (शौ) पुंन [गो] बैल । वाला चतुष्पद विशेष । एक अन्तर्वीप । गो गोण वि [गौण] गुण-निष्पन्न, गुण-युक्त, कर्ण-द्वीप का निवासी मनुष्य । _ यथार्थ । अमुख्य । गोकिलिंज देखो गो-कलिंजय । गोणंगणा स्त्री [गवाङ्गना] गाय । गोक्खुरय पुं [गोक्षुरक] गोखरू । गोणत्त । पुन. [दे] वैद्य का औजार गोणत्तय ) रखने का थैला । गोच्चय पुंदे] चाबुक । गोच्छ देखो गुच्छ। गोणस पुं [गोनम] सर्प की एक जाति, फणगोच्छअ । पुन [गोच्छक] पात्र वगैरह रहित साँप की एक जाति । गोच्छग 5 साफ करने का वस्त्र-खण्ड । गोणा स्त्री [दे] गाय । गोच्छड न [दे] गोमय । गोणिक्क पुं दे] गौओं का समूह । गोच्छा स्त्री [दे] मञ्जरी, बौर । गोणिय वि [दे] गौओं का व्यापारी । गोणी स्त्री दे] गया। गोच्छिय देखो गुच्छिय। गोण्ण देखो गोण = गौण । गोछड देखो गोच्छड। | गोतिहाणी स्त्री [दे. गोत्रिहायणी] गौ की गोजलोया स्त्री [गोजलौका क्षुद्र कीट-विशेष, द्वीन्द्रिय जन्तु-विशेष । बछड़ी। गोज पुं [दे] शारीरिक दोषवाला बैल। गोत्त पुं [गोत्र] पर्वत । न. नाम । कर्म-विशेष, गवैया । जिसके प्रभाव से प्राणी उच्च या नीच जाति गोट्ठ पुं [गोष्ठ] गोबाड़ा। का कहलाता है। पुंन. गोत्र, वंश, कुल, गोट्ठामाहिल पुं [गोष्ठामाहिल] कर्मपुद्गलों जाति । °क्खलिय न [°स्खलित] एक के को जीव-प्रदेश से अबद्ध माननेवाला एक बदले दूसरे के नाम का उच्चारण । °देवया जैनाभास आचार्य । स्त्री [°देवता] कुलदेवी । "फुस्सिया स्त्री गोटि देखो गोदी। ["स्पर्शिका वल्ली-विशेष । गोटिल पुं [गौष्ठीक] एक मण्डली के सदस्य, गोत्त पुंन [गोत्र] पूर्वज पुरुष के नाम से प्रसिद्ध मित्र । अपत्य-संतति । वि. वाणी का रक्षक । गोदी स्त्री [गोष्ठी] मण्डलो, समान वयवालों गोत्ति वि [गोत्रिन्] समान गोत्रवाला, कटम्बी. की सभा । वार्तालाप, परामर्श । स्वजन। गोड पुं [गौड] देश-विशेष । वि. गौड़ देश का | गोत्ति देखो गुत्ति । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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