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________________ गड़अ गम = गम् का संकृ । गडरिआ । २८२ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दो कोष गड-गणिया गड न. मोटा पत्थर । खाई। स्वामी । गणेश । °सामि पुं ["स्वामिन्] गड (मा) देखो गय = गत । गण का मुखिया । हर पुं [°धर] जिनदेव गडयड अक [दे]गर्जन करना, भयानक आवाज का प्रधान शिष्य । अनुपम ज्ञानादिगुण-समूह करना। को धारण करनेवाला जैन साधु, आचार्य गडयडी स्त्री [दे] वज्र निर्घोष, गड़गड़ वगैरह । हरिद [धरेन्द्र] प्रधान गणआवाज मेघ-ध्वनि। घर । °हारि पु [धारिन्] देखो °हर । गडवड न [दे] गोलमाल । जीव पु. गण के नाम से निर्वाह करनेगडिअ ) वाला । वच्छेइय, विच्छेदय, विच्छे यय पु[वच्छेदक] साधु-गण के कार्य की गडुल न [दे] चावल आदि का धोवन । चिन्ता करनेवाला साधु । °ाहिवइ पु गड्ड पुंस्त्री [गत] गड्ढा ।। [धिपति] गजानन । जिनदेव का प्रधानगड्ड न [दे] गाड़ी। शिष्य । गड्डरिगा । स्त्री दे] मेषी । गणग पु[गणक] ज्योतिषी, दैवज्ञ । भण्डारी । गणणाइआ स्त्री [दे. गण-नायिका] पार्वती। गड्डरी स्त्री [दे] बकरी । भेड़ी। गणय देखो गणग। गड्डह पुंस्त्री [गर्दभ] गधा। °वाहण | गणसम वि [दे] गोठ में लीन । [°वाहन] रावण । गणायमह पु [दे] विवाह-गणक । गड्डिआ , स्त्री [दे] शकट । गणाविअ वि [गणित] गिनती कराया हुआ। गणि वि [गणिन्] गण का मुखिया । पु. गड्ढ न दे] बिछौना। आचार्य, गच्छनायक । जिनदेव का प्रधान गढ देखो घड = घट् । साधुशिष्य । परिच्छेद, निश्चय, सिद्धान्त । गढ पुंस्त्री दे] दुर्ग, कोट । °पिडग न [पिटक] बारह मुख्य जैन गढिअ वि [घटित] गढ़ा हुआ, जटित । आगम ग्रन्थ, द्वादशाङ्गी । नियुक्ति वगैरह से गढिअ वि [ग्रथित] गंथा हआ, निबद्ध । युक्त जैन आगम । पुं. यक्ष-विशेष, जिनशासन गुम्फित, निर्मित । गृद्ध, आसक्त । का अधिष्ठायक देव । निश्चय-समूह, सिद्धान्तगण सक [गणय] गिनती करना । संख्या समूह । विज्जा स्त्री [°विद्या] शास्त्र-विशेष । करना । आदर करना। आवृत्ति करना । ज्योतिष और निमित्तशास्त्र का ज्ञान । पर्यालोचन करना। गणि पुंस्त्री. प्रकरण । गण पुं. समुदाय । समान आचार-व्यवहारवाले / गणिम न. संख्या पर जिसका भाव हो वह । साधुओं का समूह । छन्दःशास्त्र प्रसिद्ध | गिनती । वि. संख्येय । मात्रा-समूह । शिव का अनुचर । मल्लों का गणिय वि [गणित] गिना हुआ । न. संख्या । समुदाय । ओ अ [°तस्] अनेकशः । नायग जैन साधुओं का एक कुल । अंकगणित, पुं [°नायक] गण का मुखिया । 'नाह पुं| गणित-शास्त्र । °लिवि स्त्री [लिपि] अंक[°नाथ] गण का स्वामी । गणधर । °भाव | लिपि । पुं. विवेक-विशेष । राय पुं[राज] सामन्त गणिय पुं [गणिक गणित-शास्त्र का ज्ञाता । राजा । सेनापति । °वइ पुं["पति] गण का | गणिया स्त्री [गणिका] वेश्या । गड्डी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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