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________________ गंधिल्ली-गट्टिया संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष [कूट ] गन्धमादन पर्वत का एक शिखर | | गग्गिर देखो गग्गर । वैताढ्य पर्वत का शिखर - विशेष । गंधिल्ली स्त्री [दे] छाया । गंधुत्तमा स्त्री [गन्धोत्तमा] मदिरा । गंधेल्ली स्त्री [] छाँह । मधु मक्षिका । गंधोदग न [गन्धोदक] सुगन्धित जल, गंधोदय सुगन्धवासित पानी | गंधोल्ली स्त्री [दे] इच्छा । रजनी । गंभीर न [गाम्भीर्य ] गम्भीरता । अनौद्धत्य । गंभीर वि [ गम्भीर ] अस्ताव अतुच्छ, गहरा । पुंन. गहन-स्थान । पुं. रावण का एक सुभट | यदुवंश के राजा अन्धकवृष्णि का एक पुत्र । न समुद्र के किनारे पर स्थित इस नाम का एक नगर । पोय न [° पोत] नगर- विशेष । 'मालिणी स्त्री [मालिनी] महाविदेह वर्ष की एक नगरी । २८१ गच्छ सक [गम् ] जाना । जानना । प्राप्त करना । गच्छ पुन [गच्छ ] समूह, सार्थं । एक आचार्य का परिवार । गुरु- परिवार । 'वास पु. गुरुकुल में रहना । 'विहार पुं गच्छ का आचार | सारणा स्त्री गच्छ का रक्षण | गच्छागच्छ अ. गच्छ गच्छ से होकर । गच्छिल्ल वि [ गच्छवत् ] गच्छ में रहने वाला | गज देखो गय = गज । सार पुं. एक जैन मुनि दण्ड-ग्रन्थ का कर्ता । गज्जपुं [दे] जव, अन्न- विशेष । गज्जन [गद्य ] छन्द-रहित वाक्य, प्रबन्ध | गज्ज अक [गर्ज ] गरजना, गड़गड़ाना । गज्जण न [गर्जन] गर्जन, भयानक ध्वनि, मेघ या सिंह का नाद | नगर - विशेष | गज्जणसद्द पुं [दे. गर्जनशब्द ] पशु और हाथी की आवाज । गज्जफल वि [ दे] देश-विशेष में उत्पन्न (वस्त्र) । गज्जल गज्जभ पुं [गर्जभ ] पश्चिमोत्तर दिशा का पवन । गंभीरा स्त्री [गम्भीरा ] गम्भीर - हृदया स्त्री । मात्रा छन्द का एक भेद । क्षुद्र जन्तु विशेष । चतुरिन्द्रिय जीव - विशेष । गज्जर ' [ दे] गाजर । गंभीरिअ न [गाम्भीयं ] गम्भीरता । गंभीरिम पुंस्त्री [गाम्भीयं] ऊपर देखो । गगण न [गगन] आकाश | णंदण न ['नन्दन] वैताढ्य पर्वत पर का एक नगर । 'वल्लभ, वल्लह न ['वल्लभ] वैवाढ्य पर्वत पर का एक नगर । गगणंग पुंन [गगनाङ्ग] छन्द-विशेष | गग्ग पुं' [ग] ऋषि - विशेष । गोत्र - विशेष । गौतम गोत्र की एक शाखा । गज्जल व [गजल ] गर्जन करनेवाला । गज्जह देखो गज्जभ । गन्जि स्त्री [गजि] गर्जन, हाथी वगैरह की आवाज । गग्ग पुं [गर्ग] एक जैन महर्षि । विक्रम की गज्जित्तु वि [ गर्जितृ] गर्जन करनेवाला | बारहवीं शताब्दी का एक श्रेष्ठी । गरजने वाला | Jain Education International गग्ग पु [गार्ग्य ] गगं गोत्र में उत्पन्न ऋषि- गज्जिल्लिअ न [ दे] गुदगुदाहट । अंग- स्पर्श से विशेष | होनेवाला रोमांच | गज्झ वि [ ग्राह्य] ग्रहण - योग्य | गग्गर वि [ गद्गद् ] गद्गद आवाजवाला, अति अस्पष्ट वक्ता । आनन्द या दुःख से अव्यक्त कथन | गण [गट्टन] धरणेन्द्र की नाट्य-सेना का अधिपति । गगरी स्त्री [गर्गरी] छोटा घड़ा । या स्त्री [] गुठली । ३६ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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