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________________ १० संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दो कोष अंतराईय-अंदुया दान आदि करने में विघ्न करता है । विघ्न । अंतेआरि वि [अन्तश्चारिन्] बीच में जानेअंतराईय न [अन्तरायीय] ऊपर देखो। वाला। अंतरापह पुं [अन्तरापथ] रास्ता का बीचला | अंतेउर न [अन्तःपुर] राजस्त्रियों का निवासभाग । गृह । रानी। अंतराय पुन. [अन्तराय] देखो अंतराइय। अंतेउरिगा । स्त्री [आन्तःपुरिकी, °री] अंतराल पुं [अन्तराल] अंतर, बीच का भाग। अंतेउरिया । अन्तःपुर में रहनेवाली स्त्री, अंतेउरी । राज्ञी। रोगी का नाममात्र अंतरावण पुन [अन्तरापण] दूकान । अंतरावास पुं [अन्तरवर्ष, अन्तरावास] लेने से उसको नीरोग बनाने वाली एक विद्या। वर्षा-काल। अंतरिक्ख पुन [अन्तरिक्ष]अन्तराल, आकाश । अंतेल्ली स्त्री [दे] मध्य । उदर । तरंग । °जाय वि [°जात] जमीन के ऊपर रही हुई अंतेवासि वि [अन्तेवासिन्] शिष्य । प्रासाद, मंच आदि वस्तु । °पासणाह । अंतेवुर देखो अंतेउर। [°पार्श्वनाथ] खानदेश में अकोला के पास | अंतो अ [अन्तर] बीच, भीतर । °खरिया का एक जैन-तीर्थं और वहाँ की भगवान् स्त्री [°खरिका] नगर में रहनेवाली वेश्या । श्रीपार्श्वनाथ की मूर्ति । गइया स्त्री [गतिका] स्वागत के लिए अंतरिक्ख वि [आन्तरिक्ष] आकाश-सम्बन्धी, । सामने जाना । °गय वि [गत] मध्यवर्ती, आकाश का। ग्रहों के परस्पर युद्ध और भेद समाविष्ट । °णिसणी स्त्री [निवसनी] का फल बतलानेवाला शास्त्र । जैन साध्वियों को पहनने का एक वस्त्र । अंतरिज्ज न [अन्तरोय] वस्त्र । शय्या का °दहण न [°दहन] हृदय-दाह । 'मज्झावनीचला वस्त्र । साणिय पुन [°मध्यावसानिक] अभिनय अंतरिज न [दे] करधनी, कटिसूत्र । का एक भेद । °मुहुत्त न [°मुहूर्त] कम अंतरिजिया स्त्री [अन्तरीया] जैनीय वेश- मुहूर्त, ४८ मिनिट से कम समय । वाहिणी वाटिक गच्छ की एक शाखा । स्त्री [°वाहिनी] क्षुद्र नदी। °वीसंभ पुं अंतरित । वि [अन्तरित] व्यवहित, अंतर- [°विश्रम्भ] हार्दिक विश्वास । °सल्ल न अंतरिय ) वाला। [°शल्य] भीतरी शल्य,घाव । कपट, माया । अंतरिया स्त्री [दे] समाप्ति । °साला स्त्री [°शाला] घरका भीतरी भाग । अंतरिया स्त्री [अन्तरिका] छोटा अन्तर, : हुत्त वि [°मुख] भीतर। थोड़ा व्यवधान । अंतोहुत्त वि [दे] अधोमुख । अंतरीय न [अन्तरीप] द्वीप। अंबडी (अप) स्त्री [अन्त्र] आंत, आंतो। अंतरेण अ [अन्तरेण] बिना, सिवाय । अंद पुं [चन्द्र] चन्द्रमा । कपूर । °राअ पुं अंतरेण अ [अन्तरेण] बीच में, मध्य में। [°राग] चन्द्रकान्त मणि । अंतलिक्ख देखो अंतरिक्ख । अंदरा स्त्री [ कन्दरा] गुफा । °अंति देखो पंति । °अंदल पुं [कन्दल] वृक्ष-विशेष । अंतिम वि [अन्तिम] चरम, शेष, अन्त्य । अंदावेदि (शौ) देखो अंतावेइ । अंतिय न [अन्तिक] समीप । अंत । चरम। अंदु । स्त्री [अन्दु] शृंखला, जंजीर । अंतीहरी स्त्री [दे] दूती। अंदुया । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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