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________________ २६२ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष कोलंब-कोस कोलंब पुं [कोलम्ब] वृक्ष की शाखा का नमा। कोलेय पुं [कौलेयक] श्वान । हुआ अग्रभाग। कोल्ल पुंन [दे] कोयला। कोलगिणी स्त्री [कोली, कोलकी] कोल- कोल्लइर न [कोल्लकिर] नगर-विशेष । जातीय स्त्री। कोल्लपाग न [कोल्लपाक] दक्षिण देश का कोलघरिय वि [कौलगृहिक]कुलगृह-सम्बन्धी, | एक नगर, जहाँ श्रीऋषभदेव का मन्दिर है । पितृगृह-सम्बन्धी । | कोल्लर पुं [दे] थाली, थरिया । कोलज्जा स्त्री [दे] धान्य रखने का एक तरह | कोल्ला देखो कुल्ला। का गर्त । कोल्लाग देखो कुल्लाग। कोलर देखो कोटर। कोल्लापुर न [कोल्लापुर] दक्षिण ,देश का कोलव न [कौलव] ज्योतिप-शास्त्र में प्रसिद्ध एक नगर, महालक्ष्मी का स्थान । एक करण । कोल्लासुर पुं [कोल्लासुर] इस नाम का एक कोलाल वि [कौलाल] कुम्भकार-सम्बन्धी। दैत्य । न. मिट्टी का पात्र । कोल्लुग [दे] देखो कोल्हुअ । कोलालिय पुं [कौलालिक] मिट्टी का पात्र | | कोल्हाहल न [दे] बिम्बी-फल । बेचनेवाला। कोल्हुअ पुं [दे] शृगाल । चरखी, ऊख से रस कोलाह पुं[कोलाभ] साँप की एक जाति । निकालने का कल। कोलाहल पुं [दे] पक्षी की आवाज । कोव सक [ कोपय् ] दूषित करना । कुपित कोलाहल पुं. शोरगुल, हल्ला । करना । कोलाहलिय वि [कोलाहलिक] कोलाहल- कोव पुं [कोप] गुस्सा। वाला, शोरगुलवाला। कोवण वि [कोपन] क्रोधी । कोलिअ ' [दे] एक अधम मनुष्य-जाति । कोवाय पुं [कोर्पक] अनार्य देश-विशेष । कोलिअ पु [दे] कोली, जुलाहा । जाल का | कावास देखो कोआस । कीड़ा, मकड़ा। कोविअ वि [कोविद] निपुण, विद्वान् । कोलित्त न [दे] उल्मुक, लूका । कोविआ स्त्री [दे] सियारिन । कोलिन्न न [कौलीन्य] कुलीनता । कोविआर पुं [कोविदार] वृक्ष-विशेष । कोलीकय वि [क्रोडीकृत] स्वीकृत । कोविणी स्त्री [कोपिनी] कोप-युक्त स्त्री। कोलीण न [कौलीन] जन-श्रुति । वि. वंश कोशण (मा) वि [कदुष्ण] थोड़ा गरम । परम्परागत । उत्तम कुल में उत्पन्न । तान्त्रिक कोस पुं [दे] कुसुम्भ रंग से रंगा हुआ रक्त मत का अनुयायी। वस्त्र । समुद्र । कोलीर न दे] लाल रंग का एक पदार्थ, | कोस पुं [क्रोश] मार्ग की लम्बाई का परिकुरुविन्द । माण, दो मील। कोलुण्ण न [कारुण्य] दया। °पडिया, कोस पुं [कोश, ष] खजाना। तलवार की °वडिया स्त्री [°प्रतिज्ञा] अनुकम्पा की | म्यान । कुडमल । गोल । दिव्य-भेद, तप्त प्रतिज्ञा । लोहे का स्पर्श वगैरह शपथ । अभिधानशास्त्र। कोलेज पुं [दे] नीचे गोल और ऊपर खाईं | पुंन. चषक । न. नगर-विशेष । 'पाण न के आकार का धान्य आदि भरने का कोठा ।। [°पान] शपथ । 'हिव पुं [°ाधिप] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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