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________________ २४४ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दो कोष कुऊहल-कुंडल कुऊहल न [कुतूहल] अपूर्व वस्तु देखने की । पाखण्ड-विशेष । वि. मन्त्रतन्त्रादि से आजीलालसा । कौतुक, परिहास । विका चलानेवाला। कुओ अ [कुतः] कहाँ से ? °इ अ [°चित्] कंटार वि [दे] म्लान, सूखा, मलिन । कहीं से, किसी से । °वि अ [°अपि] कहीं कंटि स्त्री [दे] गठरी, गाँठ। शस्त्र-विशेष, से भी। एक प्रकार का औजार । कुंआरी स्त्री [कुमारी] वनस्पति-विशेष, कंठ वि [कुण्ठ] मन्द, आलसी । मूर्ख । अनिकुवारपाठा, घीकुवार, घीगुवार । पुण । कुंकण न [दे] रक्त-कमल । पु. क्षुद्र जन्तु- कुंठो स्त्री [दे] सँड़सी, चीमटा । विशेष, चतुरिन्द्रिय कीड़े की एक जाति ।। कंड न. कुंडा, पात्र-विशेष । जलाशय-विशेष । कुंकण पु [कोङ्कण] देश-विशेष । इस नाम का एक सरोवर । आज्ञा, आदेश । कुंकुण देखो कुंकण। "कोलिय पु [°कोलिक] एक जैन उपासक । कुंकुम न. केसर, सुगन्धी द्रव्य-विशेष । ग्गाम पु [°ग्राम] मगध देश का एक कुंग पु. देश-विशेष । गाँव । धारि वि [°धारिन्] आज्ञाकारी । कुंच सक [कुञ्च] जाना, चलना । अक. संकु- पर न. ग्राम-विशेष । चित होना । टेढ़ा चलना। कंड न [दे] ऊख पेरने का जीर्ण काण्ड, जो कुंच पु [क्रौञ्च] पक्षि-विशेष । इस नाम का | बाँस का बना हआ होता है । एक असुर । इस नाम का एक अनार्य देश। कुंडग पुन [कुण्डक] अन्न का छिलका । वि. उसके निवासी लोग । °रवा स्त्री. दण्ड- | चावल से मिश्रित भूसा । कारण्य की इस नाम की एक नदी । °वीरग| कुंडभी स्त्री [दे. कुटभी] छोटी पताका । न [°वीरक] एक प्रकार का जहाज । °ारि कुंडमोअ पुन [कुण्डमोद] हाथी के पैर की पु. स्कन्द । देखो कोंच। आकृतिवाला मिट्टी का एक तरह का पात्र । कुंचल न [दे] कली। कुंचि वि [कुञ्चिन्] कुटिल । कपटी । कुंडल पुंन [कुण्डल] एक देव-विामन । तपकुंचिगा देखो कोंचिगा। विशेष, ‘पुरिमड्ढ' या निर्विकृतिक तप । कान कुंचिय वि [कुञ्चित] संकुचित । कुण्डल के का आभूषण । पु. विदर्भ देश के एक राजा का नाम । द्वीप-विशेष । समुद्र-विशेष । देवआकारवाला, गोलाकृति । वक्र । विशेष । पर्वत-विशेष । गोल आकार । भद्द कुंचिय पु [कुश्चिक] इस नाम का एक जैन पु[भद्र] कुण्डल द्वीप का एक अधिष्ठायक उपासक। देव । मंडिअ वि [°मण्डित] कुण्डल से कुंचिया देखो कोंचिगा। रूई से भरा हुआ विभूषित । विदर्भ देश का इस नाम का एक पहनने का एक प्रकार का कपड़ा। राजा। महाभद्द पु [°महाभद्र] देवकुंचिया स्त्री [कुञ्चिका] कुञ्जी, ताली। विशेष । °महावर पु. कुण्डलवर समुद्र का कंजर पु.हस्ती । °पुर न. हस्तिनापुर । °सेणा अधिष्ठाता देव । °वर पु. द्वीप-विशेष । समुद्र स्त्री [°सेना] ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती की एक विशेष । पर्वत-विशेष । °वरभद्द पु [°वर रानी । वित्त न [°ावर्त] नगर-विशेष । भद्र] कुण्डलवर द्वीप का एक अधिष्ठायक कुंट वि [कुण्ट] कुब्ज, वामन । हाथ-रहित । देव । °वरमहाभद्द पु [°वरमहाभद्र] कुंटलविंटल न [दे] मन्त्र-तन्त्रादि का प्रयोग, ' कुण्डलवर द्वीप का एक अधिष्ठाता देव । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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