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________________ २२८ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष कवेडि-कस कवडि देखो कवड्डि । कविलडोला स्त्री [दे. कपिलडोला] क्षुद्र कवड्ड पुं [कपदं] बड़ी कौड़ी। जन्तु-विशेष। कवड्डि पुं [कपर्दिन्] यक्ष-विशेष । शिव ।। कविलास देखो कइलास । कवड्डिया स्त्री [कपदिका] कौड़ी। कविल्लुय न [दे] कड़ाही। कवण वि [किम्] कौन ? कविस पुं [कपिश] कृष्ण-पीत-मिश्रित वर्ण । कवय पुंन [कवच] बख्तर । वि. कपिश वर्णवाला। कवय न [दे] वनस्पति-विशेष, भूमिच्छत्र । कविस न [दे] मदिरा। कवरी स्त्री [कबरी] के श-पाश । कविसा स्त्री [दे] अर्धजङ्घा । कवल सक [कवलय] ग्रसना । कविसायण पुंन [कपिशायन] गुड़ की दारू । कवलिआ स्त्री [दे] ज्ञान का एक उपकरण । कविसीसग । पुन [कपिशीर्षक] प्राकार का कवल्ल पुं [दे] लोहे का कड़ाह । कविसीसय अग्र-भाग। कवल्लि । स्त्री [दे] गुड़ वगैरह पकाने का कविहसिय पुंन [कपिहसित] आकाश में कवल्ली भाजन, कड़ाह । अकस्मात् होनेवाली भयंकर आवाज करती कवाल । पुं [कपाट] किवाड़, किवाड़ी। ज्वाला। कवाड कवेल्लुय देखो कविल्लुय । कवाल न [कपाल] खोपड़ी । भिक्षा-पात्र । | कवोड) पुं [कपोत] कबूतर । म्लेच्छ-देशकवास पुं [दे] एक प्रकार का जूता, अर्धजङ्घा। कवोय । विशेष । न. कूष्माण्ड, कोहड़ा। कवि देखो कई = कपि । कवोल पुं [कपोल] गाल । कवि पुं. कविता करनेवाला । शुक्र ग्रह । °त्त कवोशण (मा) वि [कदुष्ण] थोड़ा गरम । न [त्व] कविता, कवित्त । देखो कई = कव्व न [काव्य] कविता, कवित्व । ग्रह-विशेष, कवि । शुक्र । वि. वर्णनोय, श्लाघनीय । °इत्त वि कविअ न [कविक] लगाम । [वत्] काव्यवाला। कविंजल देखो कपिजल । कव्व न [क्रव्य] मांस । कविकच्छु । देखो कइकच्छु । कव्वट्ठ पुं [दे] बालक । कविगच्छ कव्वड देखो कब्बड । कविट्ठ देखो कइत्थ। कव्वा स्त्री [क्रव्या] माया । कविड न दे] घर का पिछला आँगन । कव्वाड पुं [दे] दाहिना हाथ । कवित्थ देखो कइत्थ। कव्वाडिअ वि [दे] काँवर उठानेवाला, बहँगी कवियच्छु देखो कइकच्छु । से माल ढोनेवाला। कविल पुं [दे] कुत्ता। कव्वाय पुं [क्रव्याद] राक्षस, पिशाच । वि. कविल पुं [कपिल] भूरा रंग, तामड़ा वर्ण। कच्चा माँस खानेवाला । मांस खानेवाला । पक्षि-विशेष । सांख्य मत का प्रवर्तक मुनि- कव्वाल न [दे] कार्यालय । घर । विशेष । एक ब्राह्मण महर्षि । इस नाम का | कस सक [कष्] ठार मारना। कसना, एक वासुदेव । राहु का पुद्गल-विशेष । वि. घिसना । मलिन करना । विनाश करना । भूरा रंग का, मटमैला रंग का । स्त्री. एक | कस पुं [कग] चाबुक । ब्राह्मणी का नाम । कस पुं [कष] कसौटी। कसौटी का पत्थर । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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