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________________ एरंडय । १८८ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष एण्ह-एलगच्छ एण्हं ) अ [इदानीम्] अधुना । एय अक [एज्] काँपना, हिलना । चलना । एहि । । एय पुं [एज गति । एताव देखो एत्तिअ - एतावत् । एयंत देखो एक्वंत। एत्तअ वि [इयत्, एतावत्] इतना ।। एयाणि देखो इयाणि। एत्तहि (अप) अ [इतस्] यहाँ से । एयावंत वि [एतावत्] इतना । एत्तहे देखो इत्तहे। एरंड पुं [एरण्ड] एरण्ड का पेड़ । तृणएत्ताहे देखो इत्ताहे। विशेष । मिजिया स्त्री [मिञ्जिका] एत्तिअ । वि [ इयत्, एतावत् ] इतना। एरण्ड-फल । एत्तिल , मत्त, मेत्त वि [°मात्र] इतना एरंड वि [ऐरण्ड] एरण्ड-वृक्ष-सम्बन्धी । ही। एरंडइय । पुं [दे] पागल कुत्ता। एत्तिक (शौ) देखो एत्तिअ = एतावत् । एत्तुल (अप) ऊपर देखो। एरण्णवय न [ऐरण्यवत] क्षेत्र-विशेष । वि. एत्तूण अ [दे] अधुना। उस क्षेत्र में रहनेवाला। एत्तो देखो इओ। | एरवई स्त्री [ऐरावती, अजिरवती] नदीएत्तोअ अ [दे] यहाँ से लेकर । विशेष । एत्थ अ [अत्र] यहाँ, यहाँ पर । एरवय न [ऐरवत] क्षेत्र-विशेष । पुं. पर्वतएत्थी देखो इत्थी। विशेष । °कूड न [°कूट] पर्वत विशेष का एत्थु (अप) देखो एत्थ। शिखर-विशेष । एदंपज्ज न [ऐदंपर्य] तात्पर्य । एराणी स्त्री [दे] इन्द्राणी व्रत का सेवन करने एदिहासिअ (शौ) वि ऐतिहासिक] इतिहास वाली स्त्री। सम्बन्धी। एरावई स्त्री [ऐरावती] नदी-विशेष । एदह देखो एत्तिअ। एरावण पुं [ऐरावण] इन्द्र का हाथी । एम (अप) अ [एवं] इस त ह ।। "वाहण पुं [°वाहन] इन्द्रवाहन । एमइ (अप) अ [एवमेव] ऐसा ही। एरावय पुं[ऐरावत] ह्रद-विशेष । ह्रद-विशेष एमाइ । वि [एवमादि] इत्यादि । का अधिष्ठाता देव । छन्दः-शास्त्र-प्रसिद्ध पञ्चएमाइय । कला-प्रस्तार में आदि के ह्रस्व और अन्त के एमाण वि [दे] प्रवेश करता हुआ। दो गुरु अक्षरों का संकेत । लकुच वृक्ष । सरल एमिणिआ स्त्री [दे] वह स्त्री, जिसके शरीर | और लम्बा इन्द्रधनुष । इरावती नदी का को किसी देश के रिवाज के अनुसार सूत के । समीपवर्ती देश । इन्द्र का हाथी । धागे से माप कर उस धागे को फेंक दिया एरिस वि [ईदृश] इस तरह का । जाता है। एरिसिअ (अप) ऊपर देखो। एमेअ ) अ [एवमेव] इसी प्रकार । एल वि [दे] निपुण । एमेव । | एल ) पुं [एड, एल] मृगों की एक एम्ब (अप) अ [एवम्] इस तरह । । एलग जाति । मेष, भेड़ । °मूअ, °मूग वि एम्वइ (अप) अ [एवमेव] इसी तरह। [मूक] भेड़ की तरह अव्यक्त बोलनेवाला । एम्वहिं (अप) अ [इदानीम्। इस समय । एलगच्छ न [एलकाक्ष] स्वनाम-ख्यात नगर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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