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________________ १८० उडि वि [दे] चकित भीत । क्लान्त | क्लेश-युक्त | उव्विडिम वि [दे] अधिक प्रमाण वाला । मर्यादा -रहित, निर्लज्ज । उब्विण्ण देखो उब्विग्ग । संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष उव्वद्ध वि [ उद्विद्ध] ऊँचा गया हुआ । जिसकी ऊँचाई का माप किया गया हो वह । गम्भीर, गहरा, विद्ध । उब्विन्न देखो उब्विग्ग । उब्विय अक [ उद् + विज्] उद्वेग करना, उदासीन होना । उब्वियणिन्न वि [ उद्वेजनीय] उद्वेग- प्रद । उव्विरेण न [ उद्विरेचन] खाली करना । उव्विल्ल अक [ उद् + वेल् ] चलना, काँपना । सक. वेष्टन करना । तड़फड़ाना | उठिवल्ल अक [ प्र + सृ] फैलना । उब्विल्ल वि [ उद्वेल ] चञ्चल । उब्विव अक [ उद् + विज्] उद्वेग करना, खिन्न होना । उष्विव्व देखो उब्विव । उव्वेअ Jain Education International उब्वीढ देखो उब्वूढ | उव्वोढ वि [दे] खोदा हुआ । उव्वीढ वि [उद्विद्ध] उत्क्षिप्त । उब्वील सक [अव + पीडय् ] पीड़ा पहुँचाना, मार-पीट करना । उव्वीलय वि [ अपव्रीडक ] लज्जा - रहित करनेवाला, शिष्य को प्रायश्चित्त लेने में शरम को दूर करने का उपदेश देनेवाला । उago [] उद्विग्न । उत्सिक्त । शून्य । उद्भट, उल्बण | उवूढ वि [ उद्व्यूढ] धारण किया हुआ । परिणीत । उव्वेअणीअ वि [ उद्वेजनीय] उद्वेग-कारक | उब्वेग पुं [उद्वेग] शोक, दिलगीरी । व्याकुलता । उव्वेढ सक [उद् + वेष्ट् ] बाँधना उब्विड - उसढ परिवेष्टित करना | पृथक् करना, बन्धन मुक्त करना । उत्ताल न [दे] निरन्तर रोदन । उव्वेय देखो उव्वेग । उव्वेयगवि [ उद्वेजक ] उद्वेग-कारक । उव्वेयणग वि [उद्वेजनक] उद्वेग-जनक | उब्वेयणय उव्वेयणय पुंन [ उद्देजनक] एक नरक-स्थान | उब्वेल अक [ प्र + सृ] फैलना । उव्वेल वि [उद्वेल] उच्छलित । उब्वेल्ल देखो उव्वेद | उव्वेल्ल सक [उद् + वेल्ल् ] सत्वर जाना । त्याग करना । ऊँचा उड़ना, ऊँचा जाना । अक फैलना । उब्वेल्ल वि[ उद्वेल ] उच्छलित, हुआ । प्रसृत, फैला हुआ । उद्भिन्न । उव्वेल्लिअ वि [ उद्वेल्लित ] उव्व्व व [] क्रुद्ध । उद्भट वेश वाला | उहि सक [ उत् + व्यध्] ऊँचा फेंकना । ऊँचा जाना, उड़ना । उव्विह पुं [ उहि ] स्वनाम - ख्यात आजीविक मत का उपासक । उब्वी पुं [उर्वी] पृथिवी । °स पुं ['श] उव्वेवग वि [ उद्वेजक ] उद्वेग-कारक । राजा । उव्वेवणय वि [ उद्वेजनक] उद्वेग-जनक | उव्वेव देखो उव्वेवग | उत्सारित । प्रसारित । एक उब्वेव देखो उग्विव । उव्वेव देखो उव्वेग । उछला उड्ड वि [दे] ऊँचा । उसढ देखो ऊसद | उब्वेसर पुं [उव्वेश्वर ] इस नाम का एकराजा । उव्वेह पुं [ उद्वेध] ऊँचाई । गहराई । जमीन का अवगाह । For Private & Personal Use Only कम्पित । उव्वेहलिया स्त्री [ उद्वेधलिका ] वनस्पतिविशेष | www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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