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________________ उम्मर - उम्हाअ उम्मर पुं [दे] देहली, द्वार के नीचे की संक्षिप्त प्रात-हिन्दी कोष उम्मरिअ वि [दे] उत्खात, उन्मूलित । उम्मल वि [दे] स्त्यान, कठिन, घट्ट । उम्मलण न [ उन्मर्दन] मसलना । उम्मल्ल पुं . [ दे] राजा । बलात्कार | वि. पीवर, पुष्ट । उम्मल्ला स्त्री [दे] तृष्णा । म्हण व [ उन्मथन] नाशक । मेघ, बारिश । उम्माइअ वि [ उन्मादित] उन्मत्त किया हुआ । उम्माडियन [दे] उल्मुक, जलता काष्ठ | उम्माण न [ उन्मान ] माप । जो तौला जाता है वह उम्माय अक [ उद् + मद् ] उन्माद करना । उम्माय पुं [ उन्माद ] चित्त-विभ्रम | कामा धीनता | आलिङ्गन । उम्माल देखो ओमाल । उम्मालिय व [ उन्मालित ] सुशोभित । उम्माह पुं [उन्माथ ] विनाश | उमावि [उन्मायक ] विनाशक । उम्मि पुंस्त्री [ऊर्मि] कल्लोल, तरङ्ग । भीड़ । मालिणी स्त्री [ मालिनी ] नदी - विशेष | उम्मठ व [] महावत रहित, निरङ्कुश । उम्मिण क [ उद् + मी] तौलना । उम्मिय वि [ उन्मित ] प्रमित । उम्मिलिर वि [ उन्मीलितृ] विकासी । उम्मिल्ल अक [ उद् + मील् ] विकसित होना । प्रकाशित होना । उल्लसित होना । उम्मिल्लिय वि [उन्मीलित ] विकसित, उल्लसित । खुला हुआ । प्रकाशित, बहिष्कृत, न विकास । Jain Education International उम्माद देखो उम्माय । उन्मादइत्तअ (शौ) वि [ उन्मादयितृ] उन्माद उम्मुग्गा करानेवाला । उम्मु उम्मुटु वि [ उन्मृष्ट] स्पृष्ट । उम्मिस अक [ उद् + मिष्] खुलना, विकसना । उम्मसि वि [ उन्मिषित ] विकसित, प्रफुल्ल | न. विकास, उन्मेष । उम्मिस्स देखो उम्मीस । उम्मीलण देखो उम्मिल्लण । उम्मीलणा स्त्री [उन्मीलना] प्रभव, उत्पत्ति । उम्मीलिय देखो उम्मिल्लिय । उम्मीस व [ उन्मिश्र ] मिश्रित, युक्त । उम्मु देखो उ | उम्मुअ न [ उल्मुक] अलात, लूका । उम्मुच सक [ उद् + मुच् ] परित्याग करना । उम्मुक्क वि [ उन्मुक्त ] विमुक्त, रहित । उत्क्षिप्त । परित्यक्त | उम्मुग्गवि [ उन्मग्न] जल के ऊपर तैरा हुआ । न. तैरना । निमुग्गिया स्त्री [° निमग्नता] उभचुभ करना । स्त्री. देखो उम्मग्ग = उन्मग्न । १६५ उम्मुद्दि उद्घाटित । [ उन्मुद्रित ] विकसित, प्रफुल्ल । उम्मुयण व [उन्मोचन ] परित्याग | उम्मुयणा स्त्री [ उन्मोचना ] त्याग, उज्झन । उम्मुहवि [दे] दृप्त, अभिमानी । वि [उन्मुख ] सम्मुख । ऊर्ध्व-मुख | उम्मूढ वि [उन्मूढ] अत्यन्त मुग्ध । विसूइया स्त्री [विसूचिका ] रोग-विशेष, हैजा । उम्मूल वि [ उन्मूल] उन्मूलन करनेवाला, विनाशक । For Private & Personal Use Only उम्मूल सक [उद् + मूलय् ] मूल से उखाड़ फेंकना । उम्मेंठ [दे] देखो उम्मिठ । उम्मेस पुं [ उन्मेष] उन्मीलन, विकास । उम्मोयणी स्त्री [उन्मोचनी] विद्या-विशेष | उम्ह पुंस्त्री [ऊष्मन् ] सन्ताप, गरमी । उम्हइअ वि [ऊष्मायित] सन्तप्त, गरम किया हुआ । उम्हवि उम्हाअ अ [ऊष्माय् ] गरम होना । भाप www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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