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________________ इल-इह बन्ध, कर्म - विशेष | 'वहिया स्त्री ['पथिकी ] कषाय-रहित केवल कायिक क्रिया । समिइ स्त्री [समिति ] दूसरे जीव को किसी प्रकार की हानि न हो ऐसा उपयोग पूर्वक चलना । समय वि [ समित] विवेक पूर्वक चलने संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष वाला । इल पुं. वाराणसी का वास्तव्य स्वनाम - ख्यात एक गृहपति- गृहस्थ । न इलादेवी के सिंहासन का नाम । 'सिरी स्त्री [श्री] इल नामक गृहस्थ की स्त्री । 'इलंत देखो किलंत । इला स्त्री पृथिवी, भूमि । धरणेन्द्र की एक अग्र-महिषी । इल नामक गृहस्थ की पुत्री । रुचक पर्वत पर रहने वाली एक दिक्कुमारी । राजा जनक को माता । इलावर्धन नगर में स्थित एक देवता । 'कूड न [° कूट ] इलादेवी के निवास-भूत एक शिखर । पुत्त पुं [° पुत्र ] इलादेवी के प्रसाद से उत्पन्न एक श्रेष्ठ पुत्र । वपुं [पति ] एलापत्य गोत्र का आदि पुरुष । 'वर्डसय न [वतंसक ] इलादेवी का प्रासाद । इलाइपुत्त देखो इला -पुत्त । इलिया स्त्री [इलिका ] चीनी और चावल में उत्पन्न होनेवाला कीटविशेष | इली स्त्री. एक जाति की तलवार की तरह का हथियार । इल्ल पुं [दे] चपरासी । दाँती | वि. दरिद्र । कोमल । काला । इल्लपुलिंद पुं [दे] व्याघ्र, शेर । इल्लि पुं [ दे] शार्दूल | सिंह । छाता । इल्लिय वि [] आसिक्त । इल्लिया स्त्री [ इल्लिका ] अन्न में उत्पन्न इस्सर देखो ईसर । इस्सरि देखो ईसरिय | होनेवाला कीट - विशेष । इल्लीर न [ दे] आसन - विशेष । Jain Education International छाता । दरवाजा, गृह-द्वार इव अ. इन अर्थों का द्योतक अव्यय - उपमा | सादृश्य । उत्प्रेक्षा । इसअ वि [ दे] विस्तीर्ण | इसणा देखो एसणा । इसाणी स्त्री [ ऐशानी ] ईशानकोण | इसि पुं [ ऋषि ] मुनि, साधु, ज्ञानी, महात्मा । ऋषिवादि निकाय का दक्षिण दिशा का [गुप्त ] स्वनाम -ख्यात एक जैन मुनि । न जैन मुनियों का एक कुल । ● गुत्तिय न [ गुप्तीय] जैन मुनियों का एक कुल । दास पुं. इस नाम का एक सेठ, जिसने जैन दोक्षा ली थी । 'अनुत्तरोववाइदसा' सूत्र का एक अध्ययन । 'दत्त, दिण्ण पुं [ दत्त] एक जैन मुनि । पालिय पुं [पालित] ऐरवत क्षेत्र के पाँचवें तीर्थंकर का नाम । पालिया स्त्री ['पालिता] जैन मुनियों की एक शाखा । भद्दत्तं [ भद्रपुत्र ] एक जैन श्रावक । भासिय न [भाषित ] अंगग्रन्थों के अतिरिक्त जैन आचार्यों के बनाये हुए उत्तराध्ययन आदि शास्त्र । 'प्रश्नव्याकरण' सूत्र का तृतीय अध्ययन । 'वाइ, 'वाइय, वादियं [ 'वादिन्] व्यन्तरों की एक जाति । वाल पुं [ 'पाल ] ऋषिवादिव्यन्तरों का उत्तर दिशा का इन्द्र । पाँचवें वासुदेव का पूर्वभवीय नाम । वालिय पुं [पालित] ऋपिवादिव्यन्तरों के एक इन्द्र का नाम । इसि पुं [इसिन] अनार्य देश - विशेष | इसिय वि [इसिनक] इसिन नामक अनार्य देश में उत्पन्न | इसिया स्त्री [ इषिका ] शलाका । १३५ [इ] बाण | इस वि [ एष्यत् ] भविष्यकाल | होनेवाला । इस स्त्री [ ईर्ष्या ] द्रोह, असूया । इस्सास पुं [ इष्वास ] धनुष । तीरंदाज । इह पुं [इभ] हाथी 1 इह अ [इदानीम् ] इस समय, अधुना । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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