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________________ आयड्ढि-आयाम संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष आयड्ढि पुंदे] विस्तार । आयल्लिय वि [दे आक्रान्त, व्याप्त । आयण्ण सक [आ+कर्णय] सुनना । आयव पुं [आतपवत्] अहोरात्र का २४वाँ आययंत वकृ [आददत्] ग्रहण करता हुआ। मुहूर्त । आयत्त वि. अधीन, स्ववश । . आयव वि [आत५] उद्योत, प्रकाश। ताप, आयम सक [आ + चम्] आचमन करना, घाम । न. मुहूर्त विशेष । णाम न [°नामन्] कुल्ला करना। नामकर्म का एक भेद । आयमण न [आचमन] शुद्धि, शौच । आयवत्त न [आतपत्र] छत्र, छाता। आयमिअ देखो आगमि। आयवत्त पुं [आर्यावर्त] हिन्दुस्तान । आयमिणी स्त्री [आयमिनी] विद्या-विशेष । आयवा स्त्री [आतपा] सूर्य की एक अग्रआयय वि [आयत] लम्बा, विस्तत । पं. मोक्ष। महिषी-पटरानी। इस नाम का 'ज्ञाता धर्मकथा' सूत्र का एक अध्ययन । आयय सक [आ + दद्] ग्रहण करना । आयस वि. लौह-निर्मित । आययण न [आयतन] प्रकटीकरण । उपादान आयसी स्त्री. लोहे का कोश । कारण । घर । आश्रय, स्थान । देव-मन्दिर । आया देखो आय = आत्मन् । धार्मिक जनों का एकत्र होने का स्थान ।। आया सक [आ+या] आना, आगमन कर्म-बन्ध का कारण । निर्णय, निश्चय ।। करना। निर्दोष स्थान । आया सक [आ + दा] ग्रहण करना । आयर सक [आ + चर्] आचरना, करना। | आयाइ स्त्री [आजाति] उत्पत्ति, जन्म । आयर पुं [आकर] खानि, खान । समूह। | जाति, प्रकार । आचार, आचरण । 'ट्ठाण न आयर देखो आयार = आचार । [°स्थान] संसार, जगत् । 'आचाराङ्ग' सूत्र आयर पुं [आदर सत्कार, सम्मान । परिग्रह, | के एक अध्ययन का नाम । असन्तोष । ख्याल, संभाल । आयाइ स्त्री [आयाति] आगमन । उत्पत्ति, आयरंग पुं [आयरङ्ग] इस नाम का एक गर्भ से बाहर निकलना । आयति, भविष्य म्लेच्छ राजा। काल । आयरण न [आचरण] प्रवृत्ति, अनुष्ठान । आयाण पुंन [आदान] ग्रहण, स्वीकार । आयरणा स्त्री [आचरणा] परम्परा का। इन्द्रिय। जिसका ग्रहण किया जाय वह, रिवाज । ग्राह्य वस्तु । कारण, हेतु । आदि, प्रथम । आयरणा स्त्री [आचरणा] आचरण, अनु- आयाण न [आदान] संयम, चरित्र । वि. ष्ठान । आदेय, उपादेय । °पय न [°पद] ग्रन्थ का आयरिय वि [आचरित] अनुष्ठित, विहित, प्रथम शब्द । कृत । न. शास्त्र-सम्मत चाल-चलन । आयाण न [आयान] आगमन । अश्व का एक आयरिय पुं [आचार्य] गण का नायक, आभरण-विशेष । मुखिया । उपदेशक, गुरू, शिक्षक । अर्थ पढ़ाने । आयाम सक [आ+यमय] लम्बा करना । वाला। ___ आयाम सक [आ + यम्] शुद्धि करना । आयरिस देखो आयंस । आयाम सक [दा] देना, दान करना । आयल्ल अक [लम्ब] व्याप्त होना । लटकना। आयाम पुं. लम्बाई, दैर्घ्य । आयल्लया स्त्री [दे] बेचैनी । देखो आअल्ल । आयाम पुं [दे] बल । For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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