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________________ ११२ मानसिक पीड़ा । आभंकर पुं [आभङ्कर ] ग्रह-विशेष । न. विमान - विशेष | ° पभंकर न [ प्रभङ्कर ] | आभिट्ट विमान - विशेष । आभिडिय संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष आभक्खाण देखो अब्भक्खाण । भट्ट व [आभाषित ] उक्त । संभाषित | आभरण न. आभूषण । आभव्व वि [आभव्य ] होने योग्य, संभाव्य । आभा स्त्री. प्रभा, कान्ति, तेज । आभागि वि [आभागिन् ] भोक्ता । आभार पुं. बोझ, भार । करना । आभास पुं. जो वास्तविक में वह न होकर उसके समान लगता हो । विपरीत । आभास पुं [आभाषिक ] इस नाम का एक म्लेच्छ देश । उसमें रहनेवाली म्लेच्छ जाति । एक अन्तद्वीप । उसमें रहनेवाला । अभिओ देखो आभिओगिय । आभिओग पुं [अभियोग्य ] किंकरस्थानीय देव - विशेष | नौकर । नौकरी । अभिओगा स्त्री [आभियोग्या ] अभियोगिक भावना । आभिओगि वि [ आभियोगिन् ] किकर स्थानीय देव | आभिओगिय वि [ आभियोगिक ] मन्त्र आदि से आजीविका चलानेवाला । नौकर स्थानीय देव - विशेष | वशीकरण, दूसरे को वश में करने का मन्त्रादि-कर्म 1 आभास सक [ आ + भाष् ] कहना, संभाषण आभीर आभीरिय आभिओगिय वि [आभियोगित] वशीकरण आदि से संस्कृत | अभिओग्ग देखो आभिओग । अभिग्गहिअ वि [आभिग्रहिक ] अभिग्रहसम्बन्धी | न. मिथ्यात्वविशेष | अभिग्गयि वि [ आभिग्रहिक ] प्रतिज्ञा से सम्बन्ध रखनेवाला । प्रतिज्ञा का निर्वाह करने - Jain Education International आभंकर - आमंड वाला | न. मिथ्यात्व - विशेष | अभिनंद पुं [अभिनन्दित ] श्रावण मास । } आभिणिबोगदेखो आभिणिबोहिय । भबिहिन [आभिनिबोधिक ] इन्द्रिय और मन से होनेवाला प्रत्यक्षज्ञान- विशेष । अभिप्पा अवि [आभिप्रायिक ] अभिप्राय .वि [दे] प्रवृत्त | वाला । अभिसेक्क वि [ आभिषेक्य ] अभिषेक के योग्य | मुख्य । पुं [आभीर ] एक शूद्र- जाति, हर आभूअ वि [आभूत ] उत्पन्न । भेडिय [] देखो आभिट्ट । आभोइअ वि [आभोगित ] देखा हुआ । आभोग पुं. विलोकन, देखना । प्रदेश, स्थान । उपकरण, साधन । प्रतिलेखन । उपयोग, ख्याल । विस्तार । ज्ञान, जानना । देखो आभोय = आभोग | आभोगि वि [आभोगिन् ] परिपूर्ण । णी स्त्री [°नी] मानसिक निर्णय उत्पन्न करानेवाली विद्या - विशेष । आभोय सक [ आ + भोगय् ] देखना । जानना । ख्याल करना । आभोय पुं [आभोग] सर्प का फण । देखो आभोग । आम अ. अनुमति - प्रकाशक अव्यय - हाँ । आम अ [ भवत् ] आप | आम पुं. रोग, पीड़ा । वि. अपक्व, कच्चा । अशुद्ध, अपवित्र । 'जर पुं ['ज्वर] अजीर्ण से उत्पन्न बुखार | आमइ वि [आमयिन् ] रोगी । आमं अ [आम] स्वीकार सूचक अव्यय - हाँ । अतिशय । | आमंड न [ दे] कृत्रिम आमलक । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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