SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 115
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ९६ होने वाली वृश्विक जाति । अहिल न [] गुस्सा । अहिआअ न [ अभिजात ] कुलीनता । अहिआइ स्त्री [अभिजाति] कुलीनता । अहिआर पुं [दे] लोक यात्रा, जीवन निर्वाह । अहिउत्तवि [] व्याप्त, खचित । अहिउत्त वि [ अभियुक्त ] विद्वान् । उद्यत, उद्योगी | शत्रु से घिरा हुआ । अहिऊर सक [ अभि + पूरय् ] पूर्ण करना. व्याप्त करना । संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष अहिऊल सक [ दह, ] जलाना । afe j[अभियोग ] सम्बन्ध | दोषारोपण | देखो अभिओ । अहिंद पुं [अहीन्द्र ] सर्पों का राजा, शेषनाग । श्रेष्ठ सर्प । वुर न [° पुर] वासुकि नगर 'वराह पुं [ पुरनाथ ] विष्णु, अच्युत । अहिंसा स्त्री. दूसरे को किसी प्रकार से दुःख न देना । अहंसि वि [अहिंसित] अमारित, अपीड़ित । अहिख देखो अभिकख । अहिकंखि देखो अहिकंखिर । अहिकय वि [ अधिकृत ] प्रस्तुत । अहिकरण देखो अहिगरण । अहिकरणी देखो अहिरगणी । अहिकार देखो अहिगार । अहिकारि देखो अहिगारि । अहि अ [ अधिकृत्य ] अधिकार कर स्थापन | प्रेरणा | अहिखिव देखो अहिक्खिव । Jain Education International अहिअल-अहिगार अहिग देखो अहि = अधिक । अहिखीर क [] पकड़ना | आघात करना । अहिगंध वि [ अधिगन्ध] अधिक गन्धवाला | अहिगम क [ अधि + गम् ] जानना । निर्णय करना । प्राप्त करना । अहिगम तक [अभि + गम् ] सामने जाना । अहिगय वि [ अधिगत ] उपलब्ध । ज्ञात । पुं. गीतार्थ मुनि, शास्त्राभिज्ञ साधु । अहिगर पुं [दे] अजगर । अहिगरण पुंन [अधिकरण] युद्ध | असंयम, पाप कर्म से अनिवृत्ति । आत्म-भिन्न बाह्य वस्तु | पाप जनक क्रिया । आधार । उपहार | कलह, विवाद । हिंसा का उपकरण । कड़, कर वि [ कर] कलहकारक । किरिया स्त्री [क्रिय ] पाप जनक कृति, दुर्गति में ले जानेवाली क्रिया । सिद्धंत पुं [ सिद्धान्त ] आनुषंगिक सिद्धि करनेवाला सिद्धान्त । अहिरणी स्त्री | अधिकरणी ] लोहार का एक उपकरण । " खोडि स्त्री [ 'खोटि ] जिसपर अधिकरणी रखी जाती है वह काष्ठ । अहिगरणिया स्त्री [आधिकरणिकी] उद्देश्य कर । अहिक्खण न [दे] उपालंभ, उलहना । अहिक्खित्त वि [ अधिक्षिप्त ] तिरस्कृत । निन्दित । स्थापित । परित्यक्त । क्षिप्त । अहिक्खिव सक [ अधि + क्षिप् ] तिरस्कार करना | फेंकना । निन्दना । स्थापित करना । छोड़ देना । अहिखेव पुं [ अधिक्षेप ] तिरस्कार । अहिगरणीया ) देखो अहिगरण - किरिया । अहिगार पुं [ अधिकार ] वैभव | हक । प्रस्ताव | ग्रन्थविभाग । योग्यता । आदर करना । अहिगम पुं [ अधिगम ] ज्ञान । प्राप्ति । गुरु आदि का उपदेश । सेवा भक्ति । न गुरु आदि के उपदेश से होने वाली सद्धर्म-प्राप्तिसम्यक्त्व । रुइ स्त्री [°रुचि] सम्यक्त्व का एक भेद । सम्यक्त्व वाला । अहिगम देखो अभिगम । for a [ अधिगमक] जाननेवाला । अहिगम्म देखो अहिगम = अधि + गम् । अहिगम्म देखो अहिगम = अभि + गम् । अहि वि [ अधिकृत ] प्रस्तुत । न. प्रस्ताव, प्रसंग | For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy