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________________ श्रीहट्ट ] हट्ट. त्रि० (श्रवघुष्ट) घिसा हुआ. Rubbed; पउम० ३७, ३; श्रोत्थिश्र, त्रि० ( श्रपहस्तित ) परित्यक्त; दूर किया हुआ. Shunned; Avoided. मै० ३५; ( २१६ ) श्रहरण. न० (अपहरण) उठा ले जाना; अपहार. Taking or carrying away; Stealing. उप० ६७६; श्रीहलिय. त्रि० ( श्रवखलित) निस्तेज किया हुआ; मलिन किया हुआ. Made dirty or foul. सुर० १, १८६ सा० श्रीहसि. त्रि० ( उपहसित ) जिसका उपहास किया गया हो वह. Ridiculed; Derided. गा० ६०, स० ४४८; श्रीहाडण. न० ( श्रवघाटन ) (१) ढकना A cover; A lid. वव० १; (२) प्रायश्चित विशेष. A kind of atoneinent or expiation. वद० १; श्रीहाण न० ( उपधान ) स्थगन; ढकना. Concealment वव० ४; श्रहाण. न. ( अवधावन ) अवक्रमण; पीछे हटना. Retreating. निसी० चू० १६; श्रावण. न० ( श्रवधावन ) (१) श्रवसर्पण; पलायन. Running away. वव० १; (२) दीक्षा से भागना; दीक्षा को छोड़ देना. वव० ३; श्रावणा स्त्री० ( अपभावना ) तिरस्कार; अनादर Disregard; Disrespect. उप० क क. पु ं० (क) (१) प्राकृत वर्ण माला का प्रथम व्यञ्जनाक्षर. The first consonantletter of the Prakrita alphabets. प्राप० प्रामा० (२) न० किए हुए पाप का स्वीकार. Confession (of sins) श्राघम ० (३) पानी; जल. Water. स० ६११; (४) सुख. Happiness. सुर० १६, १५; Jain Education International For Private [ कइश्रा १२६ टी; स० ४१०; श्रावणा. स्त्री० ( पहापना) लाघव, लघुता. Smallness; Littleness. जय० २६; श्रहाविश्र, त्रि० ( श्रवधावित) पलायित; अपसृत. Run away ; Escaped. दस० चू० १, २, श्रहाविश्र त्रि० (अवभावित) (१) तिरस्कृत. Disdained; Disrespected. सु० च० २२४; (२) ग्लान; ग्लानि प्राप्त. Weary; Languid. वव० ८ः श्रहास. पुं० (उपहास) हांसी; हास्य. Ridiculed; Derision. प्राप्र० मै० ४३; श्रहासण न० ( अवभाषण ) याचना; माँग; विशिष्ट भिक्षा. Begging. आव० ४; श्रोहित्र त्रि० (श्रवतीर्ण) उतरा हुआ. Descended; Alighted. कुमा० श्रोहिरा त्रि० (अपभिन्न ) रोका हुआ; अट काया हुआ. Impeded; Obstructed. से० १३, २४; श्रहीत त्रि० ( श्रवहीयमान ) क्रमशः कम होता हुआ. Gradually lessening. से० १२, ४२; श्रोहीण. त्रि० ( अवहीन ) पीछे रहा हुआ. Remained back. अभि० ५६; (२) पगत; गुजरा हुआ. Passed. से ०१२,३७; श्रोहूय. त्रि० ( श्रवधूत) उल्लंघित. Transgressed. बृह० १; कर. अ० (कदा) कब; किस समय. When; At what time. गा० ८०३; कइ. श्र० ( क्वचित् ) कहीं; किसी जगह में. In some places. दस० चू० २, १४; कइ. पुं० (कपि) बन्दर; वामर. A monkey. पान० कइना. अ० (कदा) कब; किस समय. When; Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016017
Book TitleArdhamagadhi kosha Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Maharaj
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1988
Total Pages897
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Gujarati, English
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size22 MB
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