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________________ साधारणा] (१०४ ) [ सावरी भूत कर्म. The causing karma of | सायणी. स्त्री० (शायनी-स्वापनी) भनुप्यनी श happiness. ठा० २, ४; દશાયોમાંની દસમી–૯૦ થી ૧૦૦ વર્ષની साधारणा. स्त्री० (संधारणा) पासना; धारणा. भ२वाणी ६॥ मनुष्यकी दश दशाओं में वासना; धारणा; स्मरण-शक्ति. Remem- दसवीं-१० से १०० वर्ष की उम्र वाली दशा. bering power; Retentiveness. The tenth of the ten stages of नंदी. १७६; __man. तंदु० २६; साम. पुं० (श्याम) (१) मेन भुनि; सायासुक्ख. न० (सातसौख्य) अतिशय सुभ. श्यामार्य. एक जैन मुनि ; श्यामार्य. A अतिशय सुख.Excessive happiness. Jain saint named Shyama- जीवा० ३; charya. नदी० ४६ ; (२) न० मे | सार. पु० न० (सार) (१)न्याय युक्त. न्याय्य: अक्षरनु घास ग-तृष्प. तृण-विशेष; गन्ध न्याय-युक्त. Just; Equitable. सूय. तृण. A kind of grass. सूय०२,२,११ १,१,४,१०; (२) पु० से अनुवृक्ष. सामराण. पु. (सामान्य) अपनी वान वृक्ष-विशेष. A kind of tree. पन्न०१; मेन्द्र अणपन्नी देवों का एक इन्द्र A | सारंग. न० (साराङ्ग) श्र४ अवयव. प्रधान दल; lord of Anapannigods. ठा०२,३; | श्रेष्ट अवयव.The best limb.पण्ह ०२,५; सामिधेय. न० (सामिधेय ) समिधना सा सारक्खित्र. त्रि. (संरक्षित ) सक्ष। नो समू. काष्ठ-समूह. A collection ४२वाभा याव्युडायते.जिसका संरक्षण किया of woods ( sacrificial sticks गया हो वह. What is protected. for the sacred fire ). अंत० ३,८; पएह. २, ४; सामिलि. न० ( स्वामिलि ) (1) पास गोत्र सारय. त्रि० (स्वारत) मासात. आसक्त; खूब नामे मा. गोत्र-विशेष, जो वत्स गोत्र लीन. Attached to. अाया० १,४,४,१; की एक शाखा है. A lineage which सारवंत. त्रि० (सारवत्) सावा. सार-युक्त. is the branch of the Vatsa one. Substantial. ठा० ७, (२) पु स्त्री० ते गोत्रमा ५-1 थये. सारसी. स्त्री० (सारसी) ५५० प्रामनी से उस गोत्र में उत्पन्न. Born in that . षड्ज ग्राम की एक मूर्छना. An family. ठा० ७; intonation of the first note सामुदाइय. त्रि० (सामुदायिक) समुध्यनु; in music. ठा० ७ ; समुदाय साये समय रामना२. समुदाय का; सालि.पु. न० (शालि) गोवा से प्रार समुदाय से संबन्ध रखने वाला. Relating नी वनस्पति; से प्रसनु वृक्ष. वलयाकार to a multitude. नाया० १, १६ ; वनस्पति-विशेष; वृक्ष-विशेष. A kind of सायं. अ० (सायम्) सत्य; सायु. सत्य; सञ्चा. tree. पन्न० १; True. टी० १०; सावइत्तार, त्रि. (श्रावयित) संभावना२, सायग. त्रि० (स्वादक) स्वा सेना२. स्वाद लेने | सुनाने वाला. Causing to hear. वाला. One who tastes. दस०४, २६; सूय० २, २, ७६; सायणा. स्त्री० (शातना) उन; छन. खण्डन; | सावरी. स्त्री० (शावरी) से आनी विद्या. छेदन.Cutting; Piercing. सम०५८ | विद्या-विशेष. A kind of science. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016017
Book TitleArdhamagadhi kosha Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Maharaj
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1988
Total Pages897
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Gujarati, English
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size22 MB
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