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________________ समवसरण ८. समवशरण के नकाशे चित्र सं० १ : १ सामान्य भूमिः (दे. समवशरण ६) विजय द्वार वीथी = ८ श्री मण्डप भूमि = पीठत्रय मानस्तम्भ भूमि ७ भवन भूमि ८. श्री मण्डप - भूमि कोठा नं. १० कोठा न ११ कोड नं. १२ ६ कल्प भूमि नृत्यणाला २- एक दिशात्मक सामान्य भूमि (दे- समवशरण | ६) ५ म २ खातिका भूमि चैत्य प्रसाद भूमि ३. लताभूमि नृत्यशाला ४ उपवन भूमि नृत्यशाला ३सता भूमि नृत्यशाल २ खातिक भूमि १ चैत्य भूमि Jain Education International २०,००० रध्वजभूमि उपमभूमि ७ भवन कल्यभूमि २०,००० सीढी प्रथम पीठ मानसांभ विजय द्वार अपराजित द्वार २०,००० सीटी कोर्ट चतुवेदी 2:32 कोट तू वेदी वैजयन्त द्वार Hom 21*21 उत्तर + पूर्व पश्चिम द्विवेदी प्रथम वेदी पं. बेटी T कोठा नं. १ कोजन कोठा नं. ३ चतु-फाट चित्र सं० २ प्रथम कोट धुलि शाल चतुवेदी तृ-बोट तू व द्विवेदी जयत द्वार दी १- प्रथम कोट (श लिए सं. ३. ३धूलिशाल कोट व उसका तोरण द्वार) ४ वापिया दीथी. जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश For Private & Personal Use Only ) वीथी 20,000 सीढ़ियां चित्र सं० ४ ४- मानस्तम्म भूमि:- (ति.प. १४७६१-७८८) क्रीडापुर व वापिसे क्रीड़ापुर व वन खण्ड 40407 बबबब नाट्यशास् ४ वापियां समवसरण न. पीठ हि पीठ प्र पीठ बबब हि. कोट द्वि-कोट प्रथम कोट கினி www.jainelibrary.org
SR No.016011
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages551
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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