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________________ मार्गणा Jain Education International नाना जीवापेक्षया अपेक्षा प्रमाण एक जीवापेक्षया प्रमाण उस्कृष्ट प्रमाण गुण मार्गणा प्रमाण जघन्य उत्कष्ट | प्रमाण | जघन्य अपेक्षा अपेक्षा स्थान सस वेदक सभ्य. | ६-७ ३५३/ | ... | निरन्तर ३५३ | ... ३५४ । अन्तर्मुहूर्त गुणस्थान परिवर्तन ३१६३३सा,+पू. को संयतासंयतवत पर१बार भ्रमण -क्रमशः७ व ८ अंत. (ठे में ७ अंत. और वें में ८ अंत.) अर्ध पु. परि. सासादन मूलोघवत् अंतर्मुहूर्त श्रेणी से उतर ४,५,७,६ में जा पुनः ४ था प्रथमोपशम* (दे, नीचे) सामान्य उपशमसामान्य | १समय | सासादनवत १समय निरन्तरनहीं होते ३५७ पत्य/असं.-- दिन रात ३५८/ पल्य/असं अन्तर्मुहूर्त सासादन मुलोधवत श्रेणीसे उत्तर ४ थे व वें में परिवर्तन १६ 4ry Your " , ६-७ में गुणस्थान परि. ३६७ ,५,७,६,४ में , वा।। ६,५.४,५,७ और फिर ठा ३६५ उपशमक मूलोधवत् ३६६ ३७४ चढकर प्रथम बार उतरना श्रेणी से उतर पुनः उसी सम्यक्त्वसे ऊपर नहीं चढ़ता सासादन २ ३७५ 1 पत्य/असं. ३७७ चढ़कर द्वि.मार उतरना ३७१ श्रेणीसे उतरकर पुनः २०४ उसी सम्यक्त्वसे ऊपर नहीं चढ़ता गुणस्थान परिवर्तनसे ३७७ मार्गणा नष्ट हो जाती है | ३७७ अन्य गुणस्थानमें संक्र- ३७८ मण नहीं होता गुणस्थान परिवर्तन से मार्गणा नष्ट हो जाती है For Private & Personal Use Only सम्यग्मिथ्यात्व मिध्यादर्शन (३७६ विच्छेदाभाव |३७८ । अन्य गुणस्थानमें क्रमण नहीं होता ... - १३. संज्ञो मार्गणा संज्ञी सामान्य असंझी , निरन्तर क्षुद्रभव १४४| असं. पु. परि. १४७ १०० सा.प. | असंज्ञियोंमें भ्रमण संज्ञियोंमें भ्रमण मूलोघवत् पुरुषवेदवत (३७६ मूलोघवद पुरुषवेदवद मूलोघवत् पुरुषवेदवत २-७ DEO उपशमक क्षपक असंज्ञी |८-१२ मूलोघवत् निरन्तर मूलोधवत गुणस्थान परिवर्तनाभाव ३८३ मूलोघवद गुणस्थान परिवर्तनका अभाव १४.बाहारक मार्गण आहारक सा. अनाहारक सर. . १४६ १४६५ समय विग्रह गतिमें क्षुद्रभव-३ समय कार्मण काय-योगीवन विग्रह गतिमें बिना मोड़ेकी गतिसे भ्रमण १५० ३ समय १५१/ असंख्याता सं. | उद, अवसर्पिणी ३८४ आहारक १३८४|| मूलोधवत् ३८४ | मूलोधवत मूलोधवत www.jainelibrary.org * नोट-म.रवं./२/६ में द्वितीयोपशमका कथन किया है, क्योंकि प्रथमोपशमसे मिथ्यात्व की ओर ले जानेसे मार्गणा विनष्ट हो जाती है। इसके कथनके लिए देखो अंतर २६ ।
SR No.016008
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2003
Total Pages506
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size18 MB
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