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________________ ...मार्गणा एक जीवापेक्षया Jain Education International नाना जीवापेक्षया अपेक्षा प्रमाण । गुण मार्गणा प्रमाण प्रमाण जघन्य प्रमाण जघन्य जघन्य अपेक्षा उत्कृष्ट अपेक्षा स्थान। १३ सा - - २. इन्द्रिय मार्गणाएकेन्द्रिय सा. ... १०११६ | निरन्तर १०११६ |१०२/३६ । क्षुद्रभव मा. सा.. प., अप. " १०४१६ ॥ १०५ ३६ म. सा. १०६/४२ १०० १११/ १०६/ (११२/४५ क्षुद्रभव For Private & Personal Use Only सू. प., अप. विकले. व पञ्च. सा. १११/१६ पंचें. ल. अप. ११२६ एकेन्द्रिय सा. १ १०१ मा. सा, १०४ मा.प.अप. १ १०७ सू. सा., प., अप. ।११०८ बिकले.सा, प., अप.] १९१९ पंचें. सा., प. MER मूल ओघवव २-३ क अन्य पर्याय में जाकर १०३/३७ | २००० सा,+पू.को. सकायिकमें भ्रमण पुनः एकेन्द्रिय १०६४० असं. लोक सूक्ष्म एके. में भ्रमण (तीनों में कुछ-कुछ अन्तर है) ११०४३ असंख्यातासंख्यात बा. एके. में भ्रमण उत्सर्पिणी अवसर्पिणी ४३ | ऊपरसे कुछ अधिक अविवक्षित पर्यायों में भ्रमण ४६ असं.पु. परि. एकेन्द्रियों में भ्रमण गति परिवर्तन १२० असं पु परि, विकलेन्द्रियमें भ्रमण निरन्तर १२६/ ... निरन्तर अन्य प. में जाकर पुनः ए. १०३ | २००० सा.+पू.को. त्रसकायमें भ्रमण असं. लोक सूक्ष्म एके, में भ्रमण १०७ सू. सा.वत् का. एकमें भ्रमण असं. पु. परि. | अविवक्षित पर्यायोंमें भ्रमण मूल ओघवत् ओघवत् भवनत्रिक की एकेन्द्रिय जीव असंज्ञी पंचें, हो भवनउत्कृष्ट स्थिति-आ. त्रिकमें उत्पन्न हुआ। उपशम पूर्वक /असं.-क्रमेण हया | सासादन फिर मिथ्यादृष्टि । भवके | १२ अन्तर्मुहूर्त अंत में पुन. सासादन भवनत्रिकको उत्कृष्ट असंज्ञो पंचें भवको प्राप्त एके भवनत्रिकस्थिति १० अंतर्म. में उत्पन्न हो उपशम पा गिरा। भवके | | अंतमें पुनः उपशम। स्व उ. स्थिति- संज्ञी भव प्राप्त एक उपशम सहित वाँ ३ पक्ष ३ दिन १२ पा गिरा। भवके अंतमें पुन: उपशम | अंत.+६ मुहूर्त सहित संयमासंयम पाप्त किया। स्व उ. स्थित- मनुष्य भव प्राप्त एके. गर्भादिके काल (वर्ष + १० अंतर्म. पश्चात् संयम पा गिरा । मनु.व देवादि +६ अंतर्म.) । में भ्रमण । अन्तमें मनुष्य हो, भरके | अन्त में संयम १२४ नोटः-१० अन्तर्म के स्थानपर क्रमशः ३०, २८, २६. २४ करें। मुलोधवत ५ ११६ । - " उपशमक ८-११ १२२/ १२२ www.jainelibrary.org सपक ५-१४|१२५
SR No.016008
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2003
Total Pages506
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size18 MB
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