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________________ विशेषनाम्नामकारादिक्रमः २६ नाम किम्? पत्रम् भिभसार [राजपुत्रः, श्रेणि कापरमामा ] ९१. भीम [सुभटः] ८१ भीमरह [राजा] १७,५१,५३-५५ भुवनश्री [राज्ञी] १३२ भूतलानन्द [नगरम् ] भूयदिन [मातङ्गः] भूयसिरी [ब्राह्मणपत्नी] ४३ [पुरोहितः] २७५-७६ मेसई - [राजा] ३४७ २२१ *मल्ल नाम किम् ? पत्रम् नाम किम्। पत्रम् मयणतेरसी [उत्सवः] माथुर [वणिक] १८४-८५ मयणरेहा [राज्ञी] २७८-८२ मायाइच। [कुटुम्बी] २२२-२५ . [राजपुत्री] २८७-८८ गंगाइच । मयणसेणा मायादित्य , .. २१८,२२२,२२५ [राज्ञी] २००-१ मारावल्ली [प्रामः, टीकाप्रशस्तौ] ३६९ [निग्रन्थ-आचार्यः] १५४ मालव [देशः] मालवमंडल [राजा] , मयरद्ध [निग्रन्थ-स्थविरः] १६८ माहव . [ब्राह्मणः] १५२ माल+वाइ, वादी , १६८,१७२-७४ माहिद [देवलोकः ] ___ +रि माहुर [वणिक्] १९९ मलि [तीर्थकरः] १८५ महन्बल [राजा] २० मिगावई [राशी] ३८,१६७ महसेण [सुभटः] " [राजा] १५७,१५९, मित्तवई [श्रेष्टिपुत्री] २१२,२१७ १६०,२०३ मित्ताणंद [श्रेष्ठिपुत्रः] २०१-५,२०७महाकाल [देवः] १५७-५८ ८,२१. [कापालिकः] २९२ * , ३०० महापउम [चक्रवर्ती ] १६८-७० मित्राणन्द ३०१,३२१ महाविदेह [क्षेत्रम् ] ७५,२३८.३२९ मिहिला। [नगरी] २८२-८३ महावीर [तीर्थकरः] ३६.६८,१११, महिला ११८, १२७.२३६ मुणिचंद [निग्रन्थ-मुनिः] २२१ ३७३३४,३५१-५२ , [श्रेष्टिपुत्रः] महासणंकुमार [ देवलोकः] , [राजपुत्रः, निर्ग्रन्थ-मुनिः] ३५५-५९ महिमा [श्रेष्ठिपानी] २२-२४ मुणिसुवा-य [तीर्थकरः] १६९.३२३ महिला । [नगरी] २८०,२८२-८३ मुसियार [श्रेष्ठी] मिहिला मूलदेव [राजपुत्रः] महिंदविक्कम [विद्याधरराजा] २११ ३६.३८,३९, ११-१३ महिंदसीह [अमात्यपुत्रः] ३६३३६५ ३५ महु [राजपुत्रो राजा च] ७५,७७ मूला [श्रेष्ठिपत्नी] * , महुमहण [कृष्ण-वासुदेवः] ७४,७७,७९, मृगावती-पती[राज्ञी] ८०,३१८ मेघ+कुमार [राजपुत्रः] २२७-२८,२३८ महुरा [नगरी] १२०,१८२,१९७ मेतार्य मातङ्गपुत्रो राजा, २४१,३५१, मंगलउर [नगरम्] निर्ग्रन्थ-मुनिश्च ] ३५४,३६२ मंगला [राज्ञी] मेदपाट [देशः, टीकाप्रशस्तौ] ३६९ [दासपत्नी] १५५.१५७।। मेयज [मातापुत्रो राजा, मंजुलावई [नगरी] २४९ निर्ग्रन्थ-मुनिश्व] ३५९-६२ [तीर्थम् ] मागहिया [गणिका] [पर्वतः] माणिभद्द [श्रेष्ठिपुत्रः] [हस्ती ] [श्रेष्ठी] २२७ मेरुप्रभ [श्रेष्ठी] १३१ मइरा [श्रेष्ठिपुत्री] २५,२९ मइसायर [राजपुत्रमित्रम्] [अमात्यः] मक्षिकामल [मल्लः] २६१,६२ मगहा [देशः] ९९,११४,२६८ मगहापुर [नगरम्] *मच्छमाल [मः] मच्छियमल , २६१ मझदेस [देशः] २४५ मण-ग, य [ब्राह्मणपुत्रो निर्ग्रन्थ मुनिश्व] मणिचूड [राजा, निर्ग्रन्थ-मुनिः] २८०-८१ मणिप्पह [राजपुत्रः] २८० मणिरह [राजा] २७८,२८१ मणोरमा [राज्ञी] २१५ मोर शेष्ठिपुत्रः] १८० मणोहर [राजपुत्रः] ३२४ मत्तकोइल [उद्यानम्] २०१ मत्तियावया-वह [नगरी] २४८-१९ मत्स्यमाल [मलः] २४४ मधु [राजपुत्रो राजा च] ६८,८० *मनोरमा [श्रेष्ठिपत्नी] ४६ मनोरमा [कर्षकपत्नी] ३४९-५० , [श्रेष्ठिपत्नी] ४६,६५ , -मणो० , १४१,१४४-४५ मनोरथ [कर्षकपुत्रः] ३४९ मम्मण [राजा] ५५,६८ २२८ मागह २७३ मेरु ६९ मेरुप्पह Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016006
Book TitleAkhyanakmanikosha
Original Sutra AuthorNemichandrasuri
AuthorPunyavijay, Dalsukh Malvania, Vasudev S Agarwal
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages504
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary & Story
File Size13 MB
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