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________________ विशेषनाम्नामकारादिक्रमः नाम किम् ? पत्रम् नाम किम् ? पत्रम् नाम किम् ! पत्रम् जयंती-'तिया [ नगरी] २५,१५६,१५९, २८९,२९५ २९८ जया [राज्ञी] १०४ जराकुमार [राजपुत्रः ] ३१४,३१९-२० अलणप्पह [देवः] ३२३-२४ जब [निग्रन्थ-मुनिः] १४६-४७ टक टंकण [ब्राह्मणजातिः] [देशः] ४१ २१६ डमरसिंह [राजा] १४६ दढधम्म [राजपुत्रः] दण्डक [अरण्यम् ] दत्त [श्रेष्ठिपुत्रः] ३३५-३७,३४२ दत्तक-य [श्रेष्ठी ] १९१-९३ ददर [सुभटः] दुद्दुरवटिसय [विमानम् ] ददुरंक [देवजातिः] ११८,२६५ दधिवाहन [राजा] ३५,२७६ दमघोस [सुभटः] दवदंती [राजपुत्री, राज्ञी] २०,४६-५६, २६८ २६२-६३ २६९ २७७ १६. " जवउर-पुर [नगरम्] १४६-१७ ढण्ढणकुमार [राजपुत्रः] २६८,२७० जवणदीव [द्वीपः] २१३ ढंढणकुमर २६८-६९ वसभह [निग्रन्थ-स्थविरः] ५९,२६९ *, जसवई [राशी] जसा [पुरोहितपत्नी] २७५ णंद-नंद [राजा] अंबई [विद्याधरपुत्री, राशी] ७५,८० णोड़जाइ [वन्यजातिः] जंबवंत [विद्याधरः] [श्रेष्ठिपुत्रो निर्ग्रन्थस्थविरव] तक्खसिला [नगरी] ८३,८४,८९ २६८ तापस [श्रेष्ठी] जंबुणाम तामलित्ती [नगरी] २४४ जंबुद्दीव [द्वीपः] १९७,२६. तारापीड [राजा] जंबू [देवी] तारावीढ १०९-१० जानकी [राजपुत्री, राज्ञी] ५५.५८ तावस [श्रेष्ठी] २६२ जालंधर [पर्वतः] २९१ २६२ जाला [राज्ञी] १६८-६९ तिला [उद्यानम्] जिवायत्त [श्रेष्ठी] १४,१५,६५, तिलयपुर [नगरम्] १९२,१९७-९८ तिलयसुन्दरी [राजपुत्री, राज्ञी] ११४ विपदास , ७६,७७,१५१, तिविकम ।[राजकुमारो १८२,२२५ विण्हुकुमार | निर्ग्रन्थ-मुनिश्च] १६८-७० जिणदासी [श्रेष्ठिपत्नी] १८२ तिसला [राज्ञी] जिणसेण [निर्ग्रन्थ-आचार्यः] ५५ तिहुयणतिलया , ३४७ जिणाणंद [, -स्थविरः] १७२-७३ तिहुयणाणंद [राजा] जिनचन्द्र [, आचार्यः, तिदुग-य [यक्षः] टीकाप्रशस्तौ] ३६९-७० तुंबवण [सनिवेशः] जियसत्तु [राजा] :-७,१०९-१०, तेयलि [नगरी] १८६-८८,१९७, तेयलिसुअ-तेतलि. [अमात्यः] २०१,२१०,२३८, त्रिगुप्त [निग्रन्थ-मुनिः] २६१,३०४,३२६, त्रिभुवनतिलका [राज्ञी] ३४८ ३३१ जियारि १५४,२२५ थाणु [वणिक्] २२२-२४ जीवहरण [प्रामः] १५२ थावर थावर [दासः] जुगवाहु [राजपुत्रः] २७८-७९,२८१ थूलभद्द [अमात्यपुत्रो, जुगाइदेव [तीर्थकरः] निग्रन्ध-स्थविरश्च] १८३ २३३ दसउर [नगरम् ] १५२ दसवेयालिय [जैनागमः] दहवयण [राक्षसवंशीयराजा रावणः] ३२५ दहिवन [राजा] ५४,५५ दहिवाहण " ३६,३८,१०, २७७-७८ दंतवक्क [नगरम् ] [राजा] २७७ दाममअ-ग [श्रेष्ठिपुत्रः] १४९-५१ दामनक १४८,१५१ १४८ दामन्नक [कुलपुत्रकः] २२७,२३८ दिवायर [ब्राह्मग:] दीणार [नाणकम्] ११६-१७ दीपकशिख [राजपुत्रः] १०४,१०७ दीवयसिह १०५,१०६-७ १०४ दीवायण [ऋषिः] ३१४-१८,३२० दीवूसव [उत्सवः ] दीह [राजा] ३२९,३३१ दीहपट्ट [अमात्यः] १९६-४५ दुक्खंतरिसि [निर्ग्रन्थ-आचार्यः] ११२ दुग्गचंड [परावर्तितचौरमाम] १२८-२९ दुग्गय [कुम्भकारः] १५३ दुग्गा । [देवी] ११. चंडी । २७१ १०. २२८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016006
Book TitleAkhyanakmanikosha
Original Sutra AuthorNemichandrasuri
AuthorPunyavijay, Dalsukh Malvania, Vasudev S Agarwal
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages504
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary & Story
File Size13 MB
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