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________________ प्रथम खण्ड महावीर : जीवन सिद्धान्त एवं उपदेश 12 16 19 22 25 1. सन्मति की खिरती वाणी में भरा विश्व का सार है श्री कल्याणकुमार जैन 'शशी' 2. प्रेरणा के पुज भगवान महावीर श्री लादूलाल जैन 3. महावीर संप्रदायवाद से प्रावृत्त एक ज्योति पुज श्री कपूरचन्द जैन जय महावीर श्रीमती सुशीलादेवी जैन 5. वर्तमान संदर्भ में भगवान महावीर डा. देवेन्द्रकुमार शास्त्री भगवान महावीर का ध्यान नित्य नियमित रूप से करें श्री अगरचन्द नाहटा श्रम और समता के उन्नायक भगवान महावीर डा. महेन्द्रसागर प्रचंडिया 8. महावीर से हम कितनी दूर कितने पास श्री ज्ञानचन्द बिल्टीवाला 9. भगवान महावीर का मानवतावाद श्री अशोककुमार 10. महावीर का नारा श्री प्रसन्नकुमार सेठी 11. तीर्थकर महावीर और उनके धर्म का स्वरूप श्री आचार्य राजकुमार जैन 12. भगवान महावीर की आधुनिक युग को देन श्री राजकुमार जैन एडवोकेट 13. महावीर के उपदेशों को श्री शर्मनलाल 'सरस' 14. पशु क्रूरता-एक विचारणीय विषय श्री हीराचन्द बैद 15. नैतिक चारित्र के अपरिवर्तनीय आयाम डा. ज्योतिप्रसाद जैन 16. अनन्त जीवन के साथी श्री राजकिशोर जैन 17. महावीर का आह्वान श्री अनूपचन्द न्यायतीर्थ 18. वीर वन्दना डा. शोभानाथ पाठक 19. उपदेश सन्मति ने दिये हैं श्री हजारीलाल 'काका' पुनः जरुरत है इस युग को महावीर के सन्देश की श्री ज्ञानचन्द ज्ञानेन्द्र 21. ज्ञान प्रात्मा का गुण सुश्री राजकुमारी जैन 22. अचौर्य (अस्तेय) व्रतः आधुनिक सन्दर्भ में डा. राजेन्द्रकुमार बंसल 23. महावीर मनीषियों दृष्टि में सं० राकेश कुमार छाबड़ा 26 31 33 34 41 45 46 48 49 50 51 54 58 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014033
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1981
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanchand Biltiwala
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1981
Total Pages280
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size20 MB
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