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________________ प्रकाशकीय जिस समय स्मारिका का यह अङ्क पाठकों के हाथों में पहुंचेगा उस समय समूचा देश विश्वबंद्य भगवान महावीर का 2579 वां जयन्ती समारोह मना रहा होगा। मानव समाज को ऐसा साहित्य जो भगवान महावीर एवं उनके द्वारा उपदिष्ट धर्म एवं दर्शन पर विभिन्न दृष्टिकोणों से प्रकाश डालता हो सुलभ कराने की दृष्टि से सभा ने 1962 में स्व० पं० चैनसुखदासजी की सत्प्रेरणा और परामर्श से भगवान महावीर की जयन्ती के पुण्यावसर पर एक स्मारिका के प्रकाशन का निर्णय लिया था। सभा के इस प्रयास को चतु तुर्मुखी प्रशंसा मिली। जिससे प्रोत्साहित होकर सभा ने अपनी इस योजना को स्थाई रूप दे दिया। अब तक सत्रह अङ्क प्रकाशित हो चुके हैं और यह अठारहवां अङ्क आपके हाथों में प्रस्तुत हैं । पं० चैनसुखदासजी के स्वर्ग प्रयाण के पश्चात् इसके सम्पादन का कार्य सर्व श्री भंवरलालजी पोल्याका व डा० कस्तरचन्दजी कासलीवाल ने किया । गत वर्ष से इसके सम्पादन का कार्य प्रसिद्ध विद्वान श्री ज्ञानचन्द जी बिल्टीवाला कर रहें हैं। आपने पूर्व के सम्पादकों की भाँति ही पूर्ण लग्न एवं उत्साह से लेखों के संकलन, चयन एवं सजाने संवारने का पूर्ण उत्तरदायित्व वहन कर इसे समय पर प्रकाशित कराकर कार्य को पूर्ण किया है । उसके लिए (मैं) उनका हृदय से आभार मानते हैं। स्मारिका के इस प्रकाशन कार्य में सम्पादक श्री बुद्धिप्रकाशजी जैन 'भास्कर' ने जो सहयोग प्रदान किया है हम उसे भी भुला नहीं सकते । इसके साथ ही हम सम्पादक मण्डल के अन्य सदस्यों का उनके द्वारा दिये गये सहयोग के लिए आभार मानते हैं। इसके लिए हम उन विद्वानों, लेखकों, कवियों के भी अत्यन्त आभारी हैं जो हमें निःशुल्क अपनी मौलिक रचनायें भेजते रहते हैं। यह उनकी कृपा का फल है जिसके फलस्वरूप स्मारिका ने अपना एक विशेष स्थान बना लिया है। भविष्य में इसी प्रकार सहयोग प्रदान करते रहेंगे यह उनसे प्रार्थना है। किसी भी विशेष अवसर के लिए विज्ञापन आदि के द्वारा अर्थ संचय हेतू स्मारिका का प्रकाशन करना प्राजकल एक सामान्य प्रवृत्ति हो गई है। आपने ऐसी स्मारिकाएं अवश्य देखी होंगी जिनमें विज्ञापन अधिक और पठनीय सामग्री बहुत न्यून । हमें गर्व Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014033
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1981
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanchand Biltiwala
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1981
Total Pages280
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size20 MB
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