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________________ 27. पाश्वपुराण का सांस्कृतिक एवं तात्विक अध्ययन 28. महाकवि भूधरदास के पदों का सांस्कृतिक विवेचन 29. कविवर द्यानतराय-व्यक्तित्व एवं कृतित्व 30. बारहखडी साहित्य 31. गद्यपद्य निर्माता-महाकवि दौलतराम कासलीवाल 32. दौलतराम कासलीवाल के काव्यों का सांस्कृतिक अध्ययन 33. हिन्दी गद्य साहित्य के विकास में महाकवि दौलत राम का योगदान 34. किशनसिंह-व्यक्तित्व एवं कृतित्व 35. कविवर खुशालचन्द काला-व्यक्तित्व एवं कृतित्व 36. जैन हिन्दी पुराण साहित्य-सांस्कृतिक अध्ययन 37. कविवर नेमिचन्द -व्यक्तित्व एवं कृतित्व 38. जोधराजगोदिका - व्यक्तित्व एवं कृतित्व 39. जैन कवियों के पदों का सांस्कृतिक अध्ययन छघय छन्द के विकास में जैन कवियों का योगदान 41. चूनडी साहित्य के विकास में जैन कवियों का योगदान 42.. पंडित जयचन्द छाबडा-व्यक्तित्व एवं कृतित्व 33. पंडित सदासुख कासलीवाल-व्यक्तित्व एवं कृतित्व 4. पारसदास निगोत्या-व्यक्तित्व एवं कृतित्व 45. बस्तराम साह के काव्यों का अध्ययन 46. भक्ति एवं दर्शन प्रधान जैन पूजा साहित्य 47. पं० दौलतराम-व्यक्तित्व एवं कृतित्व 48. महापंडित टोडरमल एवं उनके समकालीन कवि 49. कविवर बख्तावरलाल एवं उनका हिन्दी साहित्य 50. पाण्डे जिनदास-व्यक्तित्व एवं कृतित्व । उक्त शीर्षकों के अतिरिक्त प्रभी इतने ही शोध के लिये और विषय गिनाये जा सकते हैं लेकिन समयाभाव के कारण एवं पाठक विषय पढ़ते पढ़ते थक जावें इसलिये मैं यहीं विराम लेता हूँ। (3/38) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014033
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1981
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanchand Biltiwala
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1981
Total Pages280
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size20 MB
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