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________________ 1-116 को भी उसने दूषित कर दिया था । माज तो उससे उतार दिया और बन्दी बना लिया। अन्त में दक्षिण कहीं ज्यादा शक्तिशाली महा प्रलयकारी उदुजन बम वियतनाम से भी उसे खदेड बाहर किया गया । तक इन देशों के पास हैं। उनमें से केवल एक ही हाल में कम्बोडिया से भी उसे भागना पड़ा है मौर बम (भगवान न करे) प्राधे विश्व को तबाह कर थाई देश तथा तुर्की भी उसे प्रांखें दिखा रहे हैं । सकता है। इन बमों का सबसे बड़ा भण्डार जिस जापान को उसने पंगु बना दिया था वह भी अमेरिका के पास है। उसके बाद नम्बर आता भी शिकंजा तोड़ चुका है। है सोवियत रूस का। जब इसराइल की अरब देशों से लड़ाई हुई ... इतनी विशाल शक्ति पास होते हुए भी अमेरिका और उसने अपने कई गुने शक्तिशाली अरबों की, छोटे से उत्तरी वियतनाम को घुटने नहीं टिकाने उनसे चारों ओर से घिरे होने पर भी, कमर तोड़ पाया। बहादुर वियतनामी 11 वर्ष तक उसका दी थी और केवल छः दिनों में ही उन्हें तौबा बुलवा डटकर मुकाबला करते रहे। मुकाबला ही नहीं करते दी थी तब उसे अमेरिकी बढ़िया हथियारों का रहे, उहोंने उसे उल्टे नाकों चने चबवा दिये। करिश्मा बताया गया। मैं पूछता हूं हथियारो के उसे ची बुलवा दी पोर मजबूर कर दिया पेरिस उन हिमायतियो से कि वे बढ़िया किस्म के हथियार में गोल मेज पर भाकर सुलह करने के लिए। छोटा कहां चले गये थे वियतनाम के जंग में ? वहां तो सा पड़ोसी क्यूबा उसे बराबर अांखें दिखाता रहता है उनके चलाने वाले भी खुद हुनरकार थे। कहां और वह खामोश है। चला गया था इस शक्ति का वह दम्भ जबकि अमेरिका ने वियतनामियों पर नभ, स्थल और हाइट हाऊस से बाहर निकल कर किसी के पास जल से ग्यारह वर्ष तक अन्धाधुन्ध गोले बरसाये। जाना अपनी तौहीन समझने वाले अमेरिकन राष्ट्रनापाम (अग्नि) बम उन पर फेंके और कीटाणु पति चीन की चापलूसी के लिए पीकिंग जाने को तथा विषैले गैस युक्त बम फेंक कर वहां के जल, मजबूर हो गये थे ? वायु मडल और फसल को विषाक्त कर दिया घातक हथियार और अणुबम की दुहाई देने था। कहते हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध में जितने बम वाले भूल जाते हैं कि यह राक्षसी शक्ति तो गिराये गये थे उनसे क नसे कई गुने बम उसने यहां भस्मासुर है, जो दूसरों को ही नहीं खुद सहेज कर गिराये। उनसे वहां की भूमि में लाखों दरारें रखने वाले को भी खतम कर सकती है। विश्व के (कैटर) पड़ गई। लाखों की संख्या में सैनिक राष्ट्रों को घातक हथियार पहुंचाकर हिंसा की झोंक दिये थे और नाकाबन्दी करके तथा सुरगें अ.ग को भड़काने वाला अमेरिका माज खुद उनका बिछाकर रसदमार्ग तक उसका बन्द कर दिया शिकार है। वहां के लोग खुद ही एक दूसरे का था। मकान और बाजार ही नहीं वहाँ के स्कूल, शिकार करने लगे हैं । अभी कुछ ही दिनों में वहां गिर्जाघर और अस्पताल तक उसने नष्ट कर दिये के राष्ट्रपति तक की हत्या के दो प्रयास हो चुके हैं थे । अमेरिका द्वारा इतनी राक्षसी शक्ति झोंक और वे भी महिलाओं के द्वारा । दिये जाने पर भी उस बहादुर कौम ने हार नहीं विश्व के लोग भूले बैठे हैं भौतिक नशे में मानी । उन्हें अमेरिका के हजारों हेलीकाप्टर और अपनी उस महान शक्ति को जो उन्हें महावीर ने हवाई जहाज, जिनमें बी 52 बम वर्षक भी थे, दी, बुद्ध ने दो और हाल में ही गांधी ने देश उसने मार गिराये। गुरिल्ला युद्ध करके कई सुर- व्यापी तथा अफ्रीका में सफल प्रयोग परीक्षण कर क्षित अमेरिकी हवाई, अड्डे तहस-नहस कर दिये के दी। गांधी ने तो घूसा तक नहीं उठाया मोर और हजारों अमेरिकन सैनिकों को मौत के घाट वरतानिया जैसी तत्कालीन महाशक्ति को देश से Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014031
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1975
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1975
Total Pages446
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size11 MB
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