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________________ Jain Education International शिवचरण माथुर, कृषि एवं खाद्य मंत्री । संदेश मुझे जानकर हार्दिक प्रसन्नता है कि राजस्थान प्रान्तीय 'भगवान महावीर 2500 निर्वाण महोत्सव महासमिति' द्वारा इस परि - निर्वाण वर्ष में आयोजित समारोह तथा भगवान महावीर द्वारा बताये गये अहिसा एवं पवित्र जीवन दर्शन के सिद्धान्तों एवं संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक बृहत स्मारिका प्रकाशित की जा रही है । जयपुर राजस्थान दिनांक 17 अक्टूबर, 1975 वर्तमान समय में देश की सांस्कृतिक धरोहर एवं रचनात्मक मूल्यों के महत्व को दृष्टि में रखते हुए, मुझे प्राशा है कि "यह स्मारिका" देश के युवा, बाल एवं वृद्ध सभी वर्ग को सदाचार, अनुशासन एवं राष्ट्रीय एकता व सुदृढ़ता बनाये रखने की भावना के अनुरूप आचरण करने की दिशा में सबल प्रेरणा देगी : स्मारिका के सफल प्रकाशन हेतु मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ । सद्भावी, ( शिवचरण माथुर ) रामनारायण चौधरी सहकारिता मंत्री जयपुर राजस्थान 9 अक्टूबर, 1975 सन्देश मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि राजस्थान में भगवान महावीर की 25 सौ वो निर्वाण महोत्सव के अन्तर्गत 'वीर निर्वारण स्मारिका' का प्रकाशन किया जा रहा है । भगवान महावीर का सन्देश जन-जन तक पहुँचाने के लिये विभिन्न स्तरों पर प्रयास किये जा रहे हैं । आाज के सन्दर्भ में भगवान महावीर के सन्देश विशेष महत्व रखते हैं । ग्रहिंसा, भाईचारा, विश्ववन्धुत्व और प्राणी मात्र पर दया यादि लोकोपयोगी शिक्षाओं का ग्रहण कर हम अपने जीवन को समुन्नत बना सकते हैं । मैं आशा करता हूं कि आपके द्वारा प्रकाशित की जाने वाली स्मारिका भगवान महावीर के सन्देशों को जन साधारण तक पहुँचाने के प्रयास में सफल होगी। मैं आपके इस प्रयास की सफलता की कामना करता हूं । For Private & Personal Use Only ( रामनारायण चौधरी ) सहकारिता मन्त्री, राजस्थान सरकार, जयपुर www.jainelibrary.org
SR No.014031
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1975
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1975
Total Pages446
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size11 MB
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