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________________ Jain Education International वितसिंह राठौड़, शिक्षा मंत्री, अ० शा ० पत्र संख्या 968 | शि० मं० 1 75, जयपुर राजस्थान दिनांक 4 अक्टूबर, 75 1 श्रीमान् पाटनी साहब, मुझे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई कि आप भगवान महावीर 2600वां निर्वाण महोत्सव के शुभावसर पर वीर निर्वाण स्मारिका का प्रकाशन करने जा रहे हैं। यह भी हर्ष का विषय है कि आप इस पत्रिका में भगवान महावीर के विचारों एवं सिद्धान्तों पर काफी विस्तार में विवेचन देंगे । स्मारिका की सफलता के लिये मैं अपनी शुभ कामनाएं भेजता हूं । आपका सद्भावी, ( खेतसिंह राठौड ) For Private & Personal Use Only स्वास्थ्य मंत्री राजस्थान, जयपुर जयपुर, दिनांक 22 / 23 अक्टूबर, 1975 सन्देश भगवान महावीर के 2500 वें परिनिर्वाण वर्ष के अवसर पर राजस्थान प्रा० भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव महासमिति ने भगवान महावीर के सन्देश को जन-जन तक पहुँचाने के लिए जो एक स्मारिका प्रकाशित करने का निश्चय किया है वह एक सराहनीय कदम है । इस स्मारिका के लिए मेरी ओर से शुभकामनाएं स्वीकार करें। भवदीय, ( मोहन छंगाणी ) www.jainelibrary.org
SR No.014031
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1975
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1975
Total Pages446
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size11 MB
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