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________________ गाजारा . my AIMIायात्रा गानाMap शुभ आशीर्वाद परस्परोपग्रहो जीवानाम् हम जिनके शासन काल में वर्तमान में चल रहे हैं उन परम पिता परमेश्वर की आराधना करना हमारा परम ध्येय हैं। उनके संदेश जन-जन तक पहुँचाना हमार ध्येय होना चाहिए और जब भी उन प्रभु महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस या वर्धन दिवस (जन्म जयंती) आवे तो इतनी जोर व जोश से प्रचार-प्रसार हो कि सारे हिंदुस्तान के मुख पर ही नहीं विदेशों में भी टी वी के माध्यम से विदेशियों के मुख पर भी भगवान महावीर का नाम अवश्य आ जाये, तभी हमारी भगवान के प्रति कृतज्ञता अभिव्यक्त होती है। आज हिंदुस्तान को ही नहीं सारे विश्व को वे सिद्धान्त मान्य हैं जो भगवान महावीर के २६०० वर्ष पूर्व कहे थे। विज्ञान जितनी ज्यादा खोज करेगा भगवान महावीर के सिद्धान्त उतने ही सिद्ध होते चले जायेंगे। राजस्थान जैन सभा ने महावीर जयन्ती उत्सव को अत्यंत उत्साहित होकर प्रभावना करने का संकल्प किया है, जो आज के भौतिक युग में बहुत ही जरूरी है। जब तक जैन समाज में ऐसा संकल्प लेने वाली मुख्य समितियाँ नहीं होंगी, तब तक उच्च स्तर का प्रचार-प्रसार असंभव है। राजस्थान जैन सभा के प्रभावक संकल्प के विचार वाले समिति के सभी सदस्यों को मेरी मंगलमय भावना है। सभा उत्तरोत्तर प्रगति करती रहे, इस हेतु सभी को शुभाशीर्वाद है। - मुनि विनम्रसागर संघस्थ संत शिरोमणि राष्ट्रसंत वात्सल्यमूर्ति परमपूज्य जैनाचार्य श्री विरागसागरजी महाराज, जयपुर महावीर जयन्ती स्मारिका 2007 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014025
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 2007
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year2007
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size11 MB
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