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________________ पं० उदय जैन कानोड़ के जवाहर विद्यापीठ एवं जैन शिक्षण संघ के संस्थापक संचालक पं० उदय जैन का दि० 27 नवम्बर 77 को 64 वर्ष की अवस्था में हृदय, गति रुक जाने से देहावसान हो गया । इनका जन्म नाम वृद्धिचन्द था। सन् 1936 में राजस्थान के प्रसिद्ध राष्ट्रीय नेता श्री माणिक्यलाल वर्मा के साथ सम्पर्क हुआ। मृत्यु भोज जैसी कुरीतियों का सक्रिय विरोध किया। साधुओं में व्याप्त शिथिलाचार के विरुद्ध सफल आवाज उठाई अक्टूबर सन् 1940 में प्रतापोदय स्कूल की स्थापना की । सन् 1942 में प्रजामण्डल आन्दोलन में जेल यात्रा की । सन् 1952 तक राजनीति में सक्रिय रहने के पश्चात संन्यास ग्रहण कर अपना सम्पूर्ण जीवन संस्था को समर्पित कर दिया। भगवान् महावीर की जीवन और सिद्धान्तों पर लिखी इनकी 'वीर विभूति' नामक पुस्तक इनके स्वतन्त्र लेखन तथा चिन्तन का प्रतिनिधित्व करती है। श्री सुन्दलाल जैन प्राच्य विद्या के प्रकाशक भारतीय प्राच्य विद्या के प्रमुख प्रकाशक, समाज सेवी सरस्वती के पुजारी लाला सुन्दरलाल जैन का गत जनवरी माह में स्वर्गवास हो गया। प्राच्य विद्या के ग्रंथों के प्रकाशन में प्रापका वरेण्य स्थान था। प्राच्य ग्रन्थों के प्रकाशन के क्षेत्र में आपने भारत तथा विदेशों में भी महान यश अजित किया । भाप में. मोतीलाल बनारसीदास प्रकाशन गृह के संस्थापक थे । एक हजार से भी अधिक उच्च स्तर के ग्रंथों के प्रकाशन का श्रेय इस संस्थान को है जिसने लालाजी के निर्देशन में महत्वपूर्ण प्रगति की । भारतीय प्राच्य विद्या के राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में वे चिर-स्मरणीय एवं श्रद्धा-पात्र रहेंगे। महावीर जयन्ती स्मारिका 78 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014024
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1978
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1978
Total Pages300
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size7 MB
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