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________________ बम्बई महानगरी में अभिनन्दन किया जाकर आपको एक लाख रुपये की थैली भेंट की गई जिसमें आपने अपने पास से कुछ राशि मिलाकर सेवा कार्यों हेतु एक न्यास बनाकर इस राशि के उपयोग की घोषणा की । यह आपके त्याग व प्राणीमात्र की सेवा का प्रतीक है । महान समाज सुधारक एवं जिनवाणी पुत्र पं० परमेष्ठीदास जैन उपाध्याय मुनिश्री विद्यानन्द के शब्दों में पं परमेष्ठीदासजी राष्ट्र की निधि थे । प्रकाण्ड विद्वान, प्र० भा० दिग० जैन परिषद् के मुख-पत्र 'वीर' के सम्पादक स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणीय यौद्धा, कई ग्रंथों के लेखक तथा अनुवादक, सुधारवादी नेता तथा स्पष्ट प्रवक्ता पं० परमेष्ठीदास जैन का गत 13 जनवरी को उनके निवास स्थान पर असामयिक निधन हो गया । पण्डितजी का जन्म झांसी मण्डल में महरोली ग्राम में सन् 1907 में हुआ । सन् 1928 में श्राप सिद्धान्त शास्त्री तथा न्यायतीर्थ परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए। आपने जैन मित्र, लोक जीवन, वीर का सम्पादन किया । 17 से भी अधिक पुस्तकों का आपने अनुवाद, लेखन अथवा सम्पादन किया । गुजरात की प्रसिद्ध संस्था 'राष्ट्र भाषा प्रचारक मण्डल' की स्थापना आपके ही सद्प्रयत्नों के फलस्वरूप हुई थी । सन् 1942 के स्वतन्त्रता संग्राम में श्रापने सपत्नी जेल यात्रा की । साबरमती जेल में श्राप सत्याग्रहियों को हिन्दी तथा जैन धर्म की शिक्षा देते रहे । महात्मा गांधी, काका कालेलकर, श्रीमन्नारायण और मावलंकर जैसे राष्ट्रीय नेताओं के निकट सम्पर्क में रहने का उन्हें गौरव प्राप्त था । राष्ट्र सेवा के साथ ही श्रापने समाज सुधार की दिशा में भी कार्य प्रारम्भ किया और कट्टर विचारों के सुधारक होने के कारण समाज सुधारकों में अग्रणीय पंक्ति में रहे । साधुनों के शिथिलाचार का आपने डट कर विरोध किया । चर्चासागर समीक्षा, सुधर्म श्रावकाचार समीक्षा. दान समीक्षा जैसी पुस्तकें लिखकर मापने जाली ग्रंथों का भण्डाफौड किया । समयसार व मोक्षशास्त्र की आपने विस्तृत टीकाएं की। दस्सानों को पूजा का अधिकार दिलाया । मृत्यु भोज जैसी प्रथात्रों महावीर जयन्ती स्मारिका 78 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014024
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1978
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1978
Total Pages300
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size7 MB
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