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________________ भौजी लाल दोहइया लछिमन भइया जो भइया बताव हो ।। मागों न गांग गंगुलिया गंगाजल पानी, गंगाजल पानी हो । ननदी समुहे के प्रोवरी लियावउ तो खना उरेहों हो । मांगिन गांग गंगुलिया गंगाजल पानी, गंगाजल पानी हो । हेइ हो, समुहें के प्रोबरी लिपाइन तौ खना उरेहैं हो ।। हथवा उरेहीं सीता गोडवा उरेही अवर उरेही दुइनौ प्रांखि । हैइ हो, प्राइ गये सिरीराम प्रांचर छोरि मूदिनि हो । लोकगीतों में सर्वत्र सीता-परित्याग का कारण रावण के चित्र का निर्माण ही बताया गया है । सीता पहले से ही चित्रकला विशारदा थी और लोकगीतों में विवाह के पूर्व भी कई स्थलों पर सीता के चित्रकला-प्रावीण्य का वृत्तांत मिलता है । अतएव, लंका से लौटने के बाद सीता के द्वारा रावण के चित्र निर्माण में कोई अस्वाभाविकता प्राती प्रतीत नहीं होती। एक भोजपुरी लोकगीत सोहर में भी इसी भावना की परम पुष्टि मिलती है-- राम प्रवरु लछुमन भइया, पारे एकली बहिनियां हइहों की। ए जीवा रामजी बइठेले जेवनखा बहिन लइया लखे रे की ।। ए भइया भोजी के दना बनवसवा जिनि खना उरहे ले की । जिनि सीता भूखा के भोजन देली, पोर लागा के बहतरवा ।। होनी से हो सीता गहुवाइ रे प्रासापति, कइसे बनवा सिन हो कि ।। इसी प्रकार एक बुन्देली लोकगीत में भी सीता निर्वासन का कारण रावण के चित्र का निर्माण है-- चौक चंदन बिन मांगन सूनो कोयल बिन अमराई । रामा बिना मोरी सूनी अजोध्या लछमन बिन ठकुराई ।। सीता बिना मोरी सूनी रसोइया कौन करे चतुराई । पाम इमलिया की नन्हीं-नन्हीं पतियां नीम की शीतल छोइ ।। प्रोई तरें बैठी ननद भौजाई कर रही रावन की बात । जौन खना भौजी तमें हर लेगव हमें उरेइ बताव। रावन उरे हों जबई बारी ननदी घर में खबर न होय । जो सुन पाहें तुम्हारे घर में देंय निकार । राम की सौंगध लखन की सौंगध दसरथ लाल दुहाई । हमारी सौंगंध खामो बारी ननदी तुमको कहा घट जाई । अपनी सौगंध खात हों भौजी, सिजिया पावन देऊ । सुरहन गऊ के गोबर मंगाओं वैया मिटिया देव लिपाईं । हाथ बनाये, पांव बनाये और बत्तीसई दांत ।' ऊपर को मस्तक. लिखन नहिं पाम्रो. मा गए राजाराम । त्याव ने वैया पिछोरिया लिखना देंय लुकाय ॥ महावीर जयन्ती स्मारिका 77 2-13 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014023
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1977
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1977
Total Pages326
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size25 MB
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