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________________ भारतीय दर्शनों का वर्गीकरण १७५ इस प्रश्न के उत्तर खण्ड का विचार हम पहले ही प्रश्न सं० १ में कर चुके हैं। ३. भारतीय दर्शनों में विषयपरक भी चिन्तन हुए हैं, उदाहरणस्वरूप में द्वैतवाद, अद्वैतवाद को ही लें। देखा जाता है कि अवान्तर भेदों के साथ शाङ्करवेदान्त, शून्यवाद, विज्ञानवाद तथा अनेक तान्त्रिक दर्शन अद्वैतवादी ही हैं । उसी प्रकार जीव जगत के संदर्भ में या आत्मा परमात्मा के सम्बन्ध में द्वैतवाद के भी विभिन्नरूप हैं. उसके अन्तर्गत सांख्ययोग, न्यायवैशेषिक, जैन, वैभाषिक, सौत्रान्तिक, विभिन्नवैष्णववेदान्त तथा अनेक तान्त्रिक दर्शन आ जाते हैं । उसी प्रकार सम्पूर्ण भारतीय दर्शनों का विषयपरक वर्गीकरण किया जा सकता है। स्पष्ट है कि ज्ञान का विषयपरक विकास दर्शनों के परस्पर आदानप्रदान एवं खण्डन- मण्डन के माध्यम से हुआ है, इस स्थिति में साम्प्रदायिक वर्गीकरण को छोड़कर विषयपरक वर्गीकरण को स्वीकार करने में क्या बाधा होगी ? यह सत्य है कि ज्ञान का विषयपरक विकास दर्शनों के परस्पर आदान-प्रदान एवं खण्डन- मण्डन के माध्यम से हुआ है परन्तु इस विकास की प्रक्रिया बहुधा दार्शनिक प्रतिबद्धता की सीमा को पार कर स्वाभाविक रूप से आगे नहीं बढ़ सकी । विचार की स्वाभाविक उन्मुखता अनेकत्व से एकत्व और उससे फिर अद्वय की ओर होती है । इसी में चिन्तन के विभिन्न तत्त्वों की संगति भी बैठती है । विचार की इसी स्वाभाविक प्रमति के फलस्वरूप अद्वैतवेदान्त, विज्ञानवाद, शून्यवाद एवं अनेक अद्वैतवादी तान्त्रिक दर्शनों का विकास हुआ। परन्तु वैचारिक प्रतिबद्धता इस स्वाभाविक विकास की गति में कभी-कभी बाधक रही। उदाहरण के लिए यद्यपि जैन दार्शनिक का तर्क उन्हें अनेकत्व से निवृत्त करता है और वे अनुभव करते हैं कि उनका द्वैतवाद अशोभन है 3 Jain Education International उदयति न नयश्रीरस्तमेति प्रमाणं । क्वचिदपि च न विद्यो याति निक्षेपचक्रम् | किमपरमभिदध्मो धाम्नि सर्वकषेऽस्मिन् । अनुभवमुपयाते भाति न द्वैतमेव ॥ For Private & Personal Use Only परिसंवाद- ३ www.jainelibrary.org
SR No.014014
Book TitleBharatiya Chintan ki Parampara me Navin Sambhavanae Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRadheshyamdhar Dvivedi
PublisherSampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
Publication Year1983
Total Pages366
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size21 MB
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