SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 371
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३५२ जैन साहित्य समारोह संरक्षण भी जैसा जैनों ने किया है, वैसा अन्य कोई नही कर पाये । फलतः अधिकांश लोकप्रिय राजस्थानी विद्याओं की परम्परा अपभ्रंशकाल और साहित्य से जैन रचनाओं से ही जोडी जा सकती हैं। जैसे बारह मास आदि अपभ्रंश भाषा में रचित प्राचीनतम जैनोंके ही प्राप्त है । इस विषय में जैनों का योगदान इतना अधिक है कि केवल इन रचना-प्रकारो सम्बन्धी मेरे लिखे हुए शोधपूर्ण निबन्धो के आधार से शोधार्थियोंने १५ - २० शोधप्रबन्ध तैयार करके पी. एच. डी. की डीग्री प्राप्त कर ली और अभी बीसो और प्राप्त कर सकते हैं। जैन साहित्यकारों नें जैसे लोकभाषा को विशेष रूपसे अपनाया, उसी तरह लोकप्रिय बातों की और भी अधिक ध्यान दिया । इसका परिणाम भी बहुत अच्छा रहा, क्योंकि आखिर जिस वर्ग विशेष में धर्मप्रचार करता था, या अपना प्रभावविस्तार करना था उसके साथ घुलमिल जाना बहुत ही जल्दी था । इस लिए जैन साहित्यकारो ने लोककथाओं को सर्वाधिक अपनाया कथा-कहानी बालक से लेकर ' वृद्ध तक सभी को आकर्षित करनेवाली मनोरंजक विद्या है, इस बात को ध्यान में रखते हुए जैन धर्मप्रचारको ने जनहृदय को सहज ही स्पर्श एवं प्रभावित कर सके इसलिये अपने उपदेश का माध्यम कथाओं को बनाया, कोई भी विधि या निषेध - तर्क वाक्य उपदेश या संदेश जनता के ग्रहण को योग्य तभी होता है, जबकि वह दृष्टांत या कथा के साथ कहा जाता है । जैसे हिंसा मत करो, जूट मत बोलो, चोरी मत करो आदि औपदेशिक बातें कही जाती हैं । तत्र हिंसा, जूठ और चोरी आदि बूरे कामों को करनेवालो को कैसा दुःख उठाना पडा। इस लोक और परलोक में उन्हें इसके परिणाम:कैसे भूगतने पडे ओर इन बुरे कामों को नहीं करनेवाले और धार्मिक नियमो को पालन करनेवाले व्यक्तियों को कैसा 'सुख' व लाभ मिला Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014001
Book TitleJain Sahitya Samaroha Guchha 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamanlal C Shah, Kantilal D Kora, Pannalal R Shah, Gulab Dedhiya
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1985
Total Pages413
LanguageGujarati, Hindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy