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________________ AASH M मयोपस डॉ. शेषरयंद्र हैन अभिनंहन समिति द्वा२। डॉ. | यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मध्यप्रदेश के मूल निवासी शे५२यंद्र हैन अमिनहन ग्रंथ २००७ प्रकाशित | हिन्दी, जैन साहित्य के प्रतिष्ठित विद्वान एवं विभिन्न ४२वामां आवी २हेस छ. ते एकीने ४ आनंहनी | संस्थाओं द्वारा अलंकृत डॉ. शेखरचंद जैन की सेवाओं को લાગણી વ્યક્ત કરૂ છું. गौरव प्रदान करने की दृष्टि से जैन धर्म के चारों सम्प्रदायों ડૉ. શેખરચંદ્ર જૈન, સમન્વય ધ્યાન સાધના કેન્દ્રના द्वारा डॉ. जैन का सम्मान दिनांक 11 फरवरी, 2007 अध्यक्ष भने 'तीर्थं४२ वाणी'न। प्रधान संपारी को अहमदाबाद में किया जा रहा है। डॉ. जैन के स्नातकोत्तर પોતાની માનદ સેવાઓ આપી રહ્યા છે. આ માનદ महाविद्यालय के प्राचार्य तथा अन्य पदों के विगत 40 સેવાઓ ઉપરાંત તેઓશ્રી અનેક સામાજિક અને ધાર્મિક | वर्षों के अनुभव तथा विचारों को ‘स्मृतियों के वातायन से' प्रवृत्तिमो साथे संजनायेत . तेसोनीमापार्मिअने | नामक ग्रंथ में लिपिबद्ध किये जाने का सराहनीय प्रयास है। સામાજિક પ્રવૃત્તિઓની સુવાસ ચોતરફ ફેલાઈ છે. આ डॉ. जैन ने विगत 15 वर्षों से प्रकाशित 'मासिक तीर्थंकर 3५२iत भारत वर्षन। हैन संघो पातमीने वी | वाणी' नामक पत्रिका के माध्यम से देश ही नहीं इंग्लैंड, (भूपए, अवयनमरि तेम४ शानवारिधिनी पिथी | अमेरिका में भी जैन मनीषियों के चिंतन को जनसामान्य विभूषित ४२वामा साव्या. मावा डॉ. शे५२यंद्र हैननु त व्यापावासोरटनन | तक पहुंचाने का प्रयास किया है। અભિવાદન, અભિનંદન સમિતિ ધ્વારા કરવામાં આવી ___डॉ. शेखरचंदजैन के उज्ज्वल भविष्य की कामना के રહેલ છે. તેઓને મારા અભિનંદન અને ખુબ ખુબ | साथ आशा करता हूँ कि ऐसे विद्वान एवं विचारक की શુભેચ્છાઓ પાઠવું છું. | सेवाओं का लाभ दीर्घ अवधि तक समाज को निरंतर प्राप्त अशोम | होता रहे। મંત્રી શ્રી કાયદો, ન્યાય અને પરિવાર કલ્યાણ, ___ कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु हार्दिक शुभकामनायें। ગુજરાત રાજ્ય ___ जयंतकुमार मलैया मंत्री- नगरीय प्रशासन एवं विकास आवास एवं पर्यावरण (म.प्र.)
SR No.012084
Book TitleShekharchandra Jain Abhinandan Granth Smrutiyo ke Vatayan Se
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShekharchandra Jain Abhinandan Samiti
PublisherShekharchandra Jain Abhinandan Samiti
Publication Year2007
Total Pages580
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size21 MB
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