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________________ उत्तर : बहुत खुशी हो रही है। गौरव का अनुभव हो रहा है। सभी रिश्तेदार-संबंधी आयेंगे उनसे मिलना हो जायेगा उन सभी बातों से मुझे बहुत खुशी हो रही है। प्रश्न आपके पतिको देश और परदेश धर्म प्रचार के लिए बारबार जाना होता है इससे आपको कैसा लगता है? । उत्तर : साथ में मुझे भी ले जाते तो अच्छा लगता, कभी उन्होंने साथ ले जाने को कहा ही नहीं। प्रश्न आपके पति स्वभाव के कड़क और जल्दी गुस्सा हो जाते हैं इससे आपके दिल को दुःख होता है? कैसे सम्हाल लेती हो आप? उत्तर : दुःख तो होता है, सहन करती हूँ। प्रश्न आपके पति को सर्विस की वज़ह से बाहर गाँव जाना पड़ा उस समय परिवार की जिम्मेवारी आपके सर पर रही होगी, और पति से अलग भी रहना हुआ होगा उस समय आपको कैसा लगता था? । उत्तर : सास-ससुर के साथ रहती थी। छोटे बच्चों की परवरिश करती थी। अमरेली को छोड़कर भावनगर, सुरत, राजकोट तो साथ में ही थी। प्रश्न आप इतनी उम्र में भी शारीरिक अस्वस्थ होते हुए, आप काम करती रहती हो इसकी क्या वज़ह है? उत्तर : अपने मन से, आनंदसे जो मुझसे होता है वह काम करती रहती हूँ। लकों के छोटे बच्चों को सम्हाल लेती हूं। काम करने से सेहत अच्छी रहती है। प्रश्न माँ के लिए तो सभी बच्चे समान होते हैं चाहे लड़का हो या लड़की फिर भी कुछ कारण से हृदय के एक कौने में किसी एक संतान के लिए ममता अधिक रहती है, सो आपको किसी बच्चे पर अधिक ममता है? क्यों? उत्तर : सभी बच्चे एक जैसे ही है। लड़की दूर रहती है इसके लिए ज्यादा भाव रहता है। साल में १५ दिन के लिए आती है इसलिए उनके प्रति ज्यादा भाव रहता है। प्रश्न इक्यावन वर्ष के विवाह जीवन में आपको ऐसा कौनसा प्रसंग याद है कि जब आपको बहुत आनंद हुआ हो और बहुत दुःख हुआ हो? उत्तर : लड़के-लड़की की शादी अच्छे घराने में होने से अत्यंत खुशी हुई। मेरी शादी के बाद तुरंत जब मेरे पति को इलेक्ट्रीक शौक लगा तब पड़दा डालने के रिवाज से न तो मैं बाहर जाकर देख सकती थी न किसी को कुछ पूछ सकती थी। उस समय मुझे बहुत दुःख हुआ था। लेकिन मेरे ससुरजीने कहा “देखो इनके भाग्य से मेरा लडका बच गया।" इस वाक्यने मेरे तप्त हृदय को सांत्वना दी। श्रीमती ज्योति जैन (पुत्रवधु) प्रश्न ज्योतिजी आपके ससुरके लिए आपको क्या कहना है? उत्तर : उनके संघर्ष से, उनकी प्रतिष्ठा, नाम हुआ वो सब अच्छा लगता है। लेकिन जब बहुत गुस्सा करते है तो दुःख होता है। अभी इतने सालके बाद सब रास आ गया है। ससुरजी का स्वभाव कड़क होने पर भी सासका स्वभाव बहुत अच्छा होने से अच्छे से समायोजन हो जाता है। प्रश्न आपके परिवार का ऐसा कौन सा प्रसंग आपकी स्मृति में है जिससे आपको अनहद खुशी हुई हो? उत्तर : शरद पूनम के दिन बच्ची हुई, सब बोले लड़की हुई, लेकिन मुझे बहुत अच्छा लगा।क्योंकि ज्ञानमति माताजी का भी वह जन्म दिन था। जब पापाजी को पुरस्कार-सम्मान मिलता है वह घड़ी बहुत आनंद की होती है, कि हम कैसे अच्छे घराने के
SR No.012084
Book TitleShekharchandra Jain Abhinandan Granth Smrutiyo ke Vatayan Se
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShekharchandra Jain Abhinandan Samiti
PublisherShekharchandra Jain Abhinandan Samiti
Publication Year2007
Total Pages580
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size21 MB
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