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________________ यह जानकर प्रसन्नता हुई कि श्री शान्तिलाल शेठ के साहित्यकारों की नजरों में ७५ वर्ष पूर्ण होने पर उनका अमृत-महोत्सव मनाने की श्री शान्तिभाई समन्वय के उपासक हैं—यह मेरे लिए योजना बनाई गई है। यह योजना प्रशंसनीय है। श्री शान्ति आकर्षण का विषय है। स्व० आचार्य श्री काकासाहेब भाई का सेवामय जीवन विशेष यशस्वी बने यही कामना है। कालेलकर के सान्निध्य में उन्होंने दस वर्ष व्यतीत किये, यह -साहू श्रेयसिप्रसाद जैन भी कितनी बडी बात है! उनकी समन्वय-साधना सफल हो श्री शान्तिलाल शेठ अमृत महोत्सव एवं सन्मति-साहित्य और उनका स्वास्थ्यपूर्ण एवं सेवापूर्ण जीवन सार्थक सिद्ध प्रकाशन कार्य के लिए कोष स्थापित करना-ये दोनों कार्य हो यही मेरी अन्तर्भावना है। समयोचित एवं समाजोपयोगी हैं। -प्रो० यशवंत शुक्ल, अहमदाबाद -- रतनलाल गंगवाल, नई दिल्ली बन्धुवर शान्तिलाल शेठ के यशस्वी ७५ वर्ष पूर्ण करने पर उनका अमृत-महोत्सव करने की योजना है—यह जानकर श्री शान्तिभाई की मूल्यवान् सेवाएँ हैं और अमृत- हर्ष हआ। मैं इस अनुष्ठान में पूरे हदय से आपके विचार के महोत्सव पर उन्हें अर्पित की जाने वाली 'निधि' भी वे , साथ हूँ। –यशपाल जैन, दिल्ली श्री पार्श्वनाथ विद्याश्रम, बनारस को अपने योगदान के साथ श्री शान्तिभाई सामाजिक, धार्मिक और राष्ट्रीय सेवाओं भेंट कर एक आदर्श स्थापित करने वाले हैं। धन्यवादाह हैं। के क्षेत्र में केवल गुजरात में ही नहीं अपितु सारे भारतवासियों -नपराज एस. जैन, बंबई के दिल में बसे हैं। ऐसे सन्निष्ठ कार्यकर्ता को यशस्वी ७५ श्री शान्तिभाई शेठ की सेवाओं और कार्यों का लेखा- वर्ष की आयु पूर्ण करने पर, उनकी मित्र-मंडली और अन्य जोखा, उनकी कर्मठता, मनस्विता और निष्ठा का परि- लोगों ने अमृत-महोत्सव का आयोजन करके न केवल समाज चायक है। को अपितु आने वाली पीढ़ी को मार्गदर्शन देने का कार्य - श्री बुधमल शामसुखा, दिल्ली किया है । -विद्याबहेन शाह, दिल्ली अपने क्रिया-कलापों से समाज और राष्ट्र को अनुप्राणित __ श्री शान्तिलाल वनमाली शेठ अमृत-महोत्सव का कर अमरत्व प्राप्त करने वाले महापुरुषों में श्री शान्तिलाल आयोजन उचित ही नहीं, सामयिक भी है। वे मेरे पुराने मित्रों वनमाली शेठ का नाम अग्रपंक्ति में है। में से एक हैं। मैं उत्सव की सफलता चाहता हूँ। --ओंकारलाल बोहरा, भू०पू० संसद सदस्य, उदयपुर - वे जैनधर्म को एक विश्वधर्म के रूप में देखते हैं । उनका यह जीवन-दर्शन मानव धर्म को प्रदर्शित करता है। यह जानकर अत्यंत हर्ष हो रहा है कि श्रद्धेय श्री शान्ति• प्रायः देखा गया है कि अच्छे समाजसेवी, अच्छे साहित्य- मा भाई शेठ का अमत-महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। प्रेमी नहीं होते। परन्तु श्री शेठ में ये दोनों उपलब्धियाँ राष्ट्र और समाज के लिए यह गौरव का विषय है। विद्यमान हैं। वे अच्छे साहित्यकार होने के साथ उच्चकोटि --जिनेन्द्रकुमार-संपादक 'जैन समाज' दैनिक, जयपुर के समाजसेवी भी हैं। उनके जीवन के दो स्वप्न--'जैन श्री शान्तिभाई एक निश्छल, स्नेही और सेवाभावी साहित्य अकादमी' और 'जैन प्रशिक्षण संस्थान' की स्थापना कार्यकर्ता रहे हैं । वे जहाँ भी रहे हैं, उन्होंने अपने प्रशंसकों की पृष्ठभूमि में भी उनका असाम्प्रदायिक मानवधर्म ही और सुहृदों की एक लम्बी शृंखला कायम की है। विद्वानों उत्प्रेरक है। समस्त देशवासी बन्ध उनके स्वप्नों को साकार की चिन्तनशीलता और कार्यकर्ताओं की सक्रियता-उनमें दोनों बनाने में सहयोगी बनेंगे। का ही समावेश है। विद्वत्ता और सक्रियता का संयोग दुर्लभ गांधी विचारधारा, राष्ट्रसेवा, दलितोद्धार और समन्वय- रूप में ही देखने को मिलता है। श्री शान्तिभाई में वह दुर्लभ कार्य के लिए उनका संपूर्ण जीवन व्यतीत हुआ है । सम्बद्ध संयोग है। -हर्षचन्द्र, संपादक कथालोक' मासिक, दिल्ली अनेक संस्थाओं में सक्रिय कार्यकर्ता रहकर उन्होंने महान श्री शान्तिभाई का अमृतमहोत्सव अवश्यमेव होना ही योगदान दिया है। चाहिए । प्राकृत भारती अकादमी उससे पूर्णतः सहमत है। -डा. राजेन्द्रप्रकाश भटनागर, उदयपुर -विनयसागर, निदेशक और संयुक्त सचिव Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012073
Book TitleShantilal Vanmali Sheth Amrut Mahotsav Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania
PublisherSohanlal Jain Vidya Prasarak Samiti
Publication Year
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size22 MB
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