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________________ संस्कृति, साहित्य और अध्यात्म का त्रिवेणी-संगम : एक स्मरणीय सामाजिक समारोह सौजन्यमूर्ति श्री शान्तिभाई का विरल अमृत-महोत्सव लेखक डॉ० जयन्त मेहता एम० ए०, पी-एच० डी०, तंत्री, 'दशाश्रीमाली' पाक्षिक, बंबई मानव द्वारा मानव का सत्कार-सम्मान करने की परम्परा प्रवृत्तिमय जीवन के यशस्वी ७५ वर्ष पूरे कर लिये हैं-इस उपहमारी संस्कृति के उद्गमकाल से चली आ रही है। आज भी लक्ष्य में उनका यह अमृत-महोत्सव हमारी संस्कृति, साहित्य बड़े नगर, केन्द्र एवं संस्थाओं में आजीवन सेवा देने वाले एवं आध्यात्मिकता के त्रिवेणी-संगम के रूप में एवं एक महानुभावों के सम्मान करने के समारंभ-समारोह होते रहते हैं स्मरणीय ऐतिहासिक सामाजिक-समारोह के रूप में सदा परन्तु जब योग्य मानव का, योग्य संस्था द्वारा, योग्य सम्मान स्मरणीय रहेगा। इस महोत्सव का आयोजन पार्श्वनाथ विद्याहोता है तब सम्माननीय व्यक्ति का ही नहीं अपितु समग्र श्रम शोध-संस्थान, बनारस जैसी अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त समाज का सम्मान-गौरव होता हो ऐसा प्रतीत होता है। विद्या-संस्था द्वारा सम्पन्न होने जा रहा है और उसके मुख्य ऐसा ही एक स्मरणीय सम्मान-समारोह सौराष्ट्र के सेवा- संचालक हैं-राष्ट्रपंडित श्री दलसुखभाई मालवणिया और निष्ठ सपूत, जैन-शास्त्र और जैनविद्या के तलस्पर्शी पारगामी, डॉक्टर श्री सागरमल जैन। 'जैन विशारद' तथा 'न्यायतीर्थ' जैसी उपाधियों से मंडित यह सम्मान-समारंभ दिल्ली के गुजराती-समाज के शाह एवं भारतीय संस्कृति, साहित्य, तत्त्वज्ञान, विज्ञान, इतिहास ओडिटोरियम में, ता० २४-५-८७ रविवार को प्रातः 8 बजे जैसे अनेक विद्याक्षेत्रों में जिन्होंने अपने ज्वलंत कार्यकलापों श्री जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति, सुप्रसिद्ध से प्रतिष्ठा प्राप्त की है ऐसे वात्सत्य-भावना से भावितात्मा वैज्ञानिक डॉ० श्री दौलतसिंहजी कोठारी की अध्यक्षता में विद्यापुरुष श्री शान्तिलाल वनमाली शेठ का विरल अमृत- संपन्न होगा। इस विरल समारोह में भारतीय संस्कृति महोत्सव दिल्ली में समायोजित होने जा रहा है। साहित्य, शिक्षण, व्यापार, राजनीति आदि अनेक क्षेत्र के सेवानिष्ठ श्री शान्तिभाई वनमाली शेठ ने अपने अविरत प्रखर विद्वान्, अग्रगण्य नेता, समाजसेवक एवं विश्वबंधुत्व, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012073
Book TitleShantilal Vanmali Sheth Amrut Mahotsav Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania
PublisherSohanlal Jain Vidya Prasarak Samiti
Publication Year
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size22 MB
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