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________________ जैन धर्म की आध्यात्मिक जीवनदृष्टि १३ ५. उत्तराध्ययन, (संपा० साध्वी चन्दना, प्रका०- वीरायतन प्रकाशन, २३. समयसार टीका, (प्रका०- मा० वर्णी जै० साहित्य मन्दिर, आगरा, १९७२) २०/३७ (पूर्वाद्ध) मुज़फ्फर नगर,१९७७) १३२ वही, २०/३७ (उत्तरार्द्ध) २४. जैन, बौद्ध और गीता का साधनामार्ग, डॉ० सागर मल जैन, ७. आतुरप्रत्याख्यान, २६, २७ प्रका० रा० प्राकृत भारतीय संस्थान, जैयपुर अध्याय ५ ८. आचारांगसूत्र, (संपा०-मधुकरमुनि, प्रका०- श्री आगम प्रकाशन २५. भक्तपरिज्ञा, ६५-६६ समिति, ब्यावर), १९८० ५/१०४ २६. आचारांगनियुक्ति, (संपा०- विजयामृत सूरीश्वर, प्रका०- श्री ९. भगवतीसूत्र, १/९ हर्षपुष्पामृत, जैनग्रंथ- माला, शंतिपुरी, १९८९ २२१ १०. आचारांगसूत्र, (संपा०-मधुकरमुनि, प्रका०- श्री आगम प्रकाशन २७. सूत्रकृतांग, २/१/३ समिति, ब्यावर, १९८०) ८/३१ २८. उत्तराध्ययनसूत्र, (संपा० - साध्वी चन्दना, प्रका०- वीरायतन ११. अध्यामतत्त्वालोक, ४/६ प्रकाशन, आगरा, १९७२) ६/९-११ १२. समयसार टीका, (प्रका०- भा० वर्णी जै० साहित्य मन्दिर, २९. आवश्यकनियुक्ति, (संपा०- विजयामृत सूरीश्वर, प्रका०- श्री मुज़फ्फर नगर, १९७७), ३०५ हर्षपुष्पामृत जैनग्रंथ- माला, शंतिपुरी, १९८९ ९५-९७ १३. योगशास्त्र, ४/५ ३०. प्रश्नव्याकरणसूत्र, (संपा०- मधुकरमुनि, प्रका०- श्री आगम १४. समयसार, (प्रका०- भा० वी जै० साहित्य मन्दिर, मुज़फ्फर प्रकाशन समिति, ब्यावर, २/१/२ नगर, १९७७) २७७ ३१. स्थानांगसूत्र, (संपा०- मधुकरमुनि, प्रका०- श्री आगम प्रकाशन १५. तत्त्वार्थसूत्र, विवेचक-पु० सुखलाल संघवी प्रका०-वि० ध्ये० समिति, ब्यावर, १९८१) १० संस्थान वाराणसी १९७६, १/१ ३२. निशीथभाष्य, ४१५९ १६. उत्तराध्ययनसूत्र, संपा० साध्वी चन्दना, प्रका०- वीरायतन ३३. आचारांगसूत्र, (संपा०-मधुकरमुनि, प्रका०- श्री आगम प्रकाशन प्रकाशन, आगरा, १९७२, २८/२ समिति, ब्यावर, १९८०) २/१५ १७. सुत्तनिपात, २८ ३४. उत्तराध्ययनसूत्र, (संपा०- साध्वी चन्दना, प्रका०- वीरायतन १८. गीता, ४/३४ प्रकाशन, आगरा, १९७२), ३२/१०१ १९. Psychology and Morals, P 32 ३५. वही, १२/४४ २०. उत्तराध्ययनसूत्र, (संपा० साध्वी चन्दना, प्रका०- वीरायतन ३६. वही, १२/४६ प्रकाशन, आगरा, १९७२) २८/३० ३७. वही, ९/४० २१. उत्तराध्ययन, २८/३५ तत्वार्थसूत्र, १/२ २२. आत्मसिद्धिशास्त्र, पृ० ४३ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012065
Book TitleBhupendranath Jain Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages306
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size10 MB
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