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________________ श्री राष्ट्रसंत शिरोमणि अभिनंदन ग्रंथ शुभकामना संदेश आचार्य अशोकसागरसूरि म. आपश्री दीर्घायु हों और आपश्री की पावन निश्रा में शासन प्रभावना का कार्य अविरत चलता रहे । तमिलनाडु की धरा पर आपका वर्षावास तप आराधनापूर्वक चल रहा होगा | आपके जन्म अमृत महोत्सव एवं दीक्षा हीरक जयंती के अवसर पर प्रकाशित होने वाले अभिनन्दन ग्रन्थ के लिये हमारी ओर से हार्दिक शुभकामना स्वीकार करें । +हार्दिक अभिलाषा आचार्य पद्मचन्द्रसूरि म. त्रिस्तुतिक मत के वरिष्ठ गच्छाधिपति शिरोमणि आचार्य श्रीमद विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. का जन्म महोत्सव तथा हीरक दीक्षा महोत्सव के उपलक्ष में अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन कर रहे हैं, वह एक अनुमोदनीय कार्य सुयोग्य व्यक्ति का योग्य मान होना ही चाहिए । इससे शासन की शोभा में अभिवद्धि होती है । आपका कार्य सफल हो, यही हार्दिक अभिलाषा। धर्मस्नेह रखें, सभी को धर्मलाभ । अंतर नी शुभेच्छा आचार्य श्री रविप्रभसूरि म. आचार्य श्री मल्लिसेनसूरि म. उपन्यास वजसेनविजय आचार्य महाराज श्री हेमेन्द्र सूरीश्वरजी महाराज ना संयम जीवन नी अनुमोदनार्थे अभिनंदन ग्रंथ प्रकाशित थई रहयो छे ते जाण्यु। परमात्मानुं साधुपणुं केq उत्तम छे ते साथे आपणा जैन धर्मनां सिद्धांतों ने आवरी लेतो आ ग्रंथ आराधक साधक पुण्यात्माओने प्रेरणानु पाथेय बने अने एक मात्र मुक्ति मार्गनो साचो राजबर बनी रहे तेवी अंतरनी शुभेच्छा । समाज को नई चेतना कराये गच्छाधिपति प्रद्युम्नविमलसूरि म. महापुरुषों का जीवन यानि जगत की व्यक्तित्वोन जीवंत प्रेरणा । महापुरुषों का जीवंत सान्निध्य अर्थात् परम उपकारक व्यक्तित्व की शानदार उपस्थिति । भावनीय महान व्यक्तिवों सामीप्य अर्थात जीवन की चेतनाओं जानदार आविभवि । पूजनीय महापुरुष की जीवंत प्रेरणा समान यह अभिनंदन ग्रंथ सर्व मानव समाज को नई चेतना नई क्रांति, जीवन सफलता प्राप्त कराये यही अभ्यर्थना । पूज्य श्री के चरणारविंद में मेरा भावपूर्ण वंदन । हेमेन्द ज्योति हेमेन्य ज्योति 3हेमेन्द ज्योति हेमेन्द ज्योति Camera Educatio www.jainelibrary.org
SR No.012063
Book TitleHemendra Jyoti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLekhendrashekharvijay, Tejsinh Gaud
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2006
Total Pages688
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size155 MB
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