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________________ श्री राष्ट्रसंत शिरोमणि अभिनंदन ग्रंथ तप से बन जाये कांटे भी कलियां । तप से बन जाये मिट्टी भी सोने की डलियां || तप का चमत्कार अलौकिक होता है बन्धु तप से खुल जाये बंद जीवन की गलियां || भगवान महावीर के संदेश जियो और जीने दो को आचार्यश्री ने अपने जीवन का ध्येय बनाया और विश्व में अंहिसा पालन का संदेश मानव जाति को दिया । हमारी यही कामना है कि आचार्यश्री का आशीर्वाद युगों युगों तक हमारा मार्गदर्शक बना रहे । आचार्यश्री के 57 वर्ष दीक्षा पर्यन्त जीवन पर प्रकाशित श्री हेमेन्द्र सूरि अभिनन्दन ग्रंथ के प्रकाशन पर हमारी हार्दिक शुभकामना सह चरण कमल में कोटि कोटि वंदना । करुणा के काजल आखों में छायें । मैत्री के मोती से जीवन को सजायें || आप जिये हजारों साल यही कामना आपका आशीर्वाद सदा हम पायें || मंगल कामना डॉ. दिलीप धींग आचार्य संघ का अनुशास्ता होता है । पूज्य आचार्यश्री के दो पावन प्रसंग पर यह संकल्प कि श्रमणीय और श्रावकीय अनुशासन के प्रति हम निष्ठावान बनें । आचार्यश्री के दोनों ही पुनीत प्रसंगों के निमित्त होने वाले आयोजन की सफलता और सुफलता की कामना करता हूं । अभिनन्दन ग्रन्थ का प्रस्तावित प्रारूप देखकर इस बात का हर्ष है कि ग्रन्थ में आचार्यश्री के व्यक्तित्व कृतित्व के साथ-साथ जैन धर्म-दर्शन एवं अनेक महत्त्वशाली विषयों का समावेश किया जा रहा है । अभिनन्दन ग्रन्थों में प्रायः ग्रन्थ नायक का वर्णन अतिशयोक्तिपूर्ण होता है । आप इससे बचकर आचार्यश्री और ग्रंथ दोनों की महत्ता महिमा बढ़ायेंगे । मेरी मंगल कामनाएं । शुभकामना संदेश -अश्विनी कुमार 'आलोक' मुझे यह जानकर परम आनन्द की अनुभूति हो रही है कि परम पूज्य गुरुदेव श्री राजेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. के परम अनुयायी मुनिश्री हर्ष विजय जी म.सा. के योग्य शिष्य आचार्य श्रीमद्विजय हेमेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. के जन्म अमृत महोत्सव एवं दीक्षा हीरक जयंती के शुभ अवसर पर आप एक अभिनन्दन ग्रन्थ के हेतु तत्पर हैं । ग्रन्थ के लिये आपके विषय चुनाव सार्थक है और ग्रन्थ को ऐतिहासिक महत्त्व देने की क्षमता रखते हैं । मेरी ओर से अशेष मंगल कामनाएं स्वीकारिये कि आप अपने अनुष्ठान में सफल हों । हेमेन्द्र ज्योति* हेमेन्द्र ज्योति 54 हेमेन्द्र ज्योति हेमेन्द्र ज्योति
SR No.012063
Book TitleHemendra Jyoti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLekhendrashekharvijay, Tejsinh Gaud
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2006
Total Pages688
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size155 MB
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