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________________ रोहिणी- दिल्ली में रथयात्रा का अपूर्व अभिनन्दन दिनांक 20.02.2004, सायं 6 बजे रोहिणी सभा के प्रधान श्री निर्मल कुमार जैन आदि वरिष्ठ पदाधिकारियों की अगुवाई में श्रावक एवं श्राविका मण्डल द्वारा वल्लभ विहार गेट पर विजय वल्लभ रथयात्रा का दर्शन-वंदन-अभिनंदन किया गया। श्री मन्दिर जी के तलघर में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। प्रधान श्री निर्मल कुमार जी ने गुरुवर को श्रद्धांजलि अर्पित की, अनेक भजन कर्णप्रिय संगीत के माध्यम से गुरुभक्तों ने गाए। पश्चात् आरती की बोली का लाभ श्री राकेश जैन द्वारा लिया गया। "जग में पावन है एक नाम, नाम पे सारा जग कुरबान । Jain Educa दुनिया सारी कहती है, अमर सदा वल्लभ का नाम ।" गुड़गाँव में, विजय वल्लभ रथयात्रा का अत्यत उत्साह से स्वागत दिनांक 21.02.2004 सुबह 11 बजे विजय वल्लभ रथयात्रा का वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ जनसमूह द्वारा गुड़गांव द्वार पर अत्यंत उत्साह से स्वागत किया गया। प्रधान श्री चमनलाल जैन एवं अन्य पदाधिकारी बैंड-बाजे के साथ रथ को श्रीमन्दिर जी तक पहुँचे। जहां धर्मसभा का आयोजन किया गया। भक्तगण गुरु वल्लभ की अप्रतिम सुन्दरता को निहार रहे है वह सोच रहे थे कि जैसे गुरु वल्लभ पचास वर्ष के पश्चात् फिर से जीवंत हो गए हों। सच में, गुरु वल्लभ अपने कार्यों एवम् काव्य द्वारा आज भी हमारे बीच मौजूद हैं। "लेता है नाम जिसका सारा संसार, गंगा के जल जैसा पावन है नाम, बड़े उपकारी थे मेरे वल्लभ गुरु कोई अवतारी थे मेरे गुरु वल्लभ।" विजय वल्लभ संस्मरण संकलन स्मारिका For Private & Penturar ose Diniy 97 www.jainelibrary.org
SR No.012061
Book TitleVijay Vallabh Sansmaran Sankalan Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadanta Jain, Others
PublisherAkhil Bharatiya Vijay Vallabh Swargarohan Arddhashatabdi Mahotsava Samiti
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size51 MB
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